बालासोर।ओडिशा को बालासोर में हुए रेल हादसे की सीबीआई जांच कराई जाएगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार शाम को बालासोर में प्रेस कान्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। रेलमंत्री ने कहा कि जिन परिस्थितियों में यह दुर्घटना हुई है और अब तक जो भी सूचनाएं रेलवे एवं प्रशासन की ओर से प्राप्त हुई हैं, उन्हें देखते हुए आगे की जांच के लिए पूर मामले को सीबीआई को देने का फैसला किया जा रहा है। रेलमंत्री ने कहा कि सिग्नल प्रणाली में समस्या थी। ऐसा हो सकता है कि किसी ने केबल देखे बिना कुछ खुदाई की हो। यह भीतर से या बाहर से छेड़छाड़ या तोडफ़ोड़ का मामला हो सकता है। इससे पहले रविवार सुबह एक्सीडेंट साइट का जायजा लेने के बाद रेल मंत्री ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव की वजह से एक्सीडेंट हुआ। दुर्घटना के मूल कारण और इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों की पहचान कर ली गई है। उधर, रेलवे बोर्ड के परिचालन एवं कारोबार विकास की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि किसी भी मशीन के चलने से खराबी आने का खतरा रहता है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एआई-आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ इस तरह की छेड़छाड़ केवल जानबूझकर की जा सकती है। अधिकारी ने सिस्टम में किसी भी खराबी से इनकार किया। इसी बीच रेलवे ने भी ड्राइवर की गलती और सिस्टम में खराबी से एक तरह से इनकार किया और संकेत दिया कि ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के पीछे इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में संभावित तोडफ़ोड़ और छेड़छाड़ हो सकती है। उधर, ओडिशा सरकार ने दावा किया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की जान गई है। राज्य के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने कहा कि कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे, इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई। हादसे में 1175 लोग घायल हुए थे, जिनमें से 793 को इलाज के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। इसके बाद रेलवे बोर्ड की ऑपरेशन एंड बिजनेस डेवलेपमेंट मेंबर जया वर्मा ने दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस के बाद कहा कि शुरुआती तौर पर लगता है कि सिग्नल में गड़बड़ी हादसे की मुख्य वजह थी। उन्होंने साथ ही बताया कि तीन ट्रेनें नहीं, बल्कि सिर्फ एक ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई है और बाकी ट्रेनें उसकी वजह से हादसे की चपेट में आईं।