नई दिल्ली। भारत ने नॉर्दर्न सेक्टर के फॉरवर्ड एयरबेस पर एडवांस्ड हेरोन मार्क-2 ड्रोन तैनात किए हैं। ये ड्रोन्स लांग रेंज मिसाइलों से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम हैं। इसके अलावा एक ही उड़ान में चीन-पाकिस्तान दोनों सीमाओं की निगरानी भी कर सकते हैं। हेरोन मार्क-2 ड्रोन्स इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाए हैं। इनसे एक ही उड़ान में कई मिशन को अंजाम दिया जा सकता है और एक साथ कई सेक्टरों पर निगाह रखी जा सकती है। एक दिन पहले ही इंडियन एयरफोर्स ने श्रीनगर एयरबेस पर एडवांस्ड मिग-29 फाइटर जेट की स्क्वॉड्रन तैनात की है। नॉर्दर्न सेक्टर में मिग-29 और हेरोन मार्क-2 ड्रोन तैनात होने से सेना की ताकत बढ़ गई है। ड्रोन स्क्वॉड्रन के कमांडिग ऑफिसर विंग कमांडर पंकज राणा ने बताया- हेरोन मार्क-2 बहुत सक्षम ड्रोन है। यह लंबे समय तक टिकने में सक्षम है और बड़े इलाके में निगरानी कर सकता है।
हेरोन मार्क-2 ड्रोन फाइटर जेट्स की भी मदद करते हैं। ये अपने टारगेट पर लेजर लाइट डालते हैं, जिससे फाइटर एयरक्राफ्ट टारगेट को पहचान कर उस पर सटीक निशाना साध सके। स्क्वॉड्रन लीडर अर्पित टंडन ने बताया कि हेरोन मार्क-2 पुराने वर्जन से काफी बेहतर हैं। ये जीरो से कम तापमान होने पर भी काम करने में सक्षम है। इंडियन एयरफोर्स प्रोजेक्ट चीता पर भी काम कर रही है। इसके तहत 70 हेरोन ड्रोन्स को अपग्रेड किया जाएगा। इनमें सैटेलाइट कम्युनिकेशन लिंक और जरूरत के हिसाब से हथियार जोड़े जाएंगे। जल्द ही सेना को अमरीका से 31 प्रीडेटर ड्रोन्स भी मिलने वाले हैं। इन ड्रोन्स में भी हथियार और कई तरह के सेंसर लगाए जा सकेंगे। इनमें से 15 ड्रोन नेवी को मिलेंगे और 8-8 ड्रोन्स एयरफोर्स और आर्मी को मिलेंगे।