नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन नियम 2024 (11 मार्च 2024 को अधिसूचित) के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की याचिकाओं पर मंगलवार केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई की तारीख नौ अप्रैल मुकर्रर की। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया।
पीठ के समक्ष केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील देते हुए कहा, “237 याचिकाएं हैं। रोक (सीएए पर) लगाने की मांग करते हुए 20 आवेदन हैं। मुझे जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए। अधिनियम (सीएए) किसी की नागरिकता नहीं छीनता है। याचिकाकर्ताओं के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है।”
पीठ उनकी इस गुहार पर कहा कि वह इस मामले में अगली सुनवाई नौ अप्रैल को करेगी। याचिकाएं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और अन्य की ओर से दायर की गई थी। शीर्ष अदालत ने 15 मार्च को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की शीघ्र सुनवाई की गुहार स्वीकार करते हुए मामले को 19 मार्च के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था।