नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर 904 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमाएंगे। इस चरण के लिए पहली जून को मतदान होना है। इन सीटों के लिए नामांकन पत्र दायर करने की अंतिम तिथि 14 मई तक कुल 2105 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। इनकी जांच के बाद 954 नामांकन पत्र वैध पाए गए। नाम वापस लेने की तिथि के बाद उम्मीदवारों की संख्या 904 रह गई। इस चरण में पंजाब तथा उत्तर प्रदेश की 13-13, पश्चिम बंगाल की नौ, बिहार की आठ , ओडिशा की छह, हिमाचल प्रदेश की चार, झारखंड की तीन और चंडीगढ़ की एक सीट के लिए वोट डाले जाएंगे। सातवें चरण में पंजाब की 13 सीटों के लिए सबसे अधिक 598 तथा उत्तर प्रदेश की भी 13 सीटों के लिए 495 पर्चे भरे गए। बिहार की जहानाबाद संसदीय सीट के लिए सर्वाधिक 73 नामांकन पत्र मिले। पंजाब की लुधियाना सीट के लिए 70 नामांकन पत्र दायर किए गए। इस चरण में एक सीट पर लडऩे वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 16 है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने सातवें चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। एडीआर ने जारी किए एक विश्लेषण में बताया है कि सातवें चरण में 904 उम्मीदवारों से 199 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 299 उम्मीदवार करोड़पति हैं। एडीआर ने सातवें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले दलवार आंकड़े जारी किए हैं। टीएमसी के नौ में से सात, सपा के नौ में से सात, माकपा के आठ में से पांच, शिअद के 13 में से आठ, भाजपा के 51 में से 23, कांग्रेस के 31 में से 12, आप के 13 में से पांच, बीजद के छह में से दो, भाकपा के सात में से दो और 56 में से 13 में बसपा के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। 904 में से 33 प्रतिशत यानी 299 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा भाजपा के 44 उम्मीदवार करोड़पति हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस है, जिसके 30 उम्मीदवार करोड़पति हैं।