नई दिल्ली। चीन की सेना बॉर्डर पर निर्माण कर खुद को मजबूत करने में लगी हुई है। चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में लगातार खुदाई कर रही है। उसने यहां हथियार और ईंधन के भंडारण के लिए भूमिगत बंकर बनाए हैं। साथ ही क्षेत्र में एक प्रमुख अड्डे पर बख्तरबंद वाहनों के लिए भी बेस तैयार कर लिए हैं। सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में ये बात सामने आई है। यूएस की फर्म ब्लैकस्काई ने ये सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। 2021-22 के दौरान बनाए गए इस बेस में भूमिगत बंकर हैं, जिनका उपयोग हथियार प्रणालियों, ईंधन और दूसरी आपूर्ति को स्टोर करने के लिए किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर पहाड़ों के बीच सिरजैप में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का बेस है। ये बेस झील के आसपास तैनात चीनी सैनिकों का मुख्यालय है। इसे ऐसे क्षेत्र में बनाया गया है, जिस पर भारत दावा करता रहा है।
यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सिर्फ पांच किमी दूर है। मई, 2020 में एलएसी पर चीन और भारत के बीच हुए गतिरोध से पहले यह क्षेत्र पूरी तरह से खाली थी, इसमें कोई बस्ती या मानव निवास नहीं था। विशेषज्ञों का मानना है कि ये आश्रय वाहनों को सटीक निर्देशित हथियारों के इस्तेमाल से हवाई हमलों से बचाने के लिए हैं। ब्लैकस्काई के एक विश्लेषक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बेस में बख्तरबंद वाहनों के भंडारण की सुविधाएं, परीक्षण रेंज और ईंधन तथा गोला-बारूद के भंडारण की इमारतें हैं। इनको सडक़ों और खाइयों के व्यापक नेटवर्क से जोड़ा गया है। यह बेस गलवान घाटी से 120 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है, जहां जून 2020 में एक क्रूर झड़प हुई थी। इस झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान गई थी। भारतीय अधिकारियों की ओर से इन तस्वीरों पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।