भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में अवैध तरीके से एक युवती का गर्भपात कराने के मामले में कोर्ट ने युवती की मां और डाक्टर सहित छह लोगों को पांच व सात साल की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने सजा सनाते हुए हजारों रुपए का जुर्माना भी किया है। अभियोजक उत्तम सिंह राजपूत ने आज बताया कि कोतवाली पुलिस को 30 अगस्त 2016 को सूचना मिली कि शहर स्थित वनखंडेश्वर मंदिर के पास एक गली में कुछ लोग अवैध तरीके से गर्भपात कर रहे हैं। पुलिस को मौके पर एक मकान में कमरे में दो महिलाएं, एक युवती, गर्भपात के औजार, इंजेक्शन एवं दवाएं मिलीं।
पुलिस की पूछताछ में महिला मुन्नी बाई ने बताया कि उसकी बेटी का गर्भपात कराने के लिए वहां स्टाफ में पदस्थ महिला नीरज पाल ने 10 हजार रुपए लिए थे। पुलिस ने नीरज पाल व उसके पति राजू पाल को गिरफ्तार किया। नीरज पाल ने बताया कि वह ग्वालियर में डॉ महेंद्र पांडे के अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच कराकर गर्भपात करते हैं। शहर कोतवाली में फरियादी डीएसपी आरएस परमार की रिपोर्ट पर न्यायालय ने मुन्नीबाई पर 50 हजार रुपए का जुर्माना कर सात साल की सजा सुनाई है। वहीं डॉ महेंद्र कुमार पांडे समेत उनके अन्य कर्मचारियों को गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीकी (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम का उल्लंघन करने पर पांच-पांच साल की सजा सुनाते हुए 61-61 हजार रुपये का जुर्माना किया है।