बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के विरोध में नोएडा-गाजियाबाद में जुटे 43 हिंदू संगठन
नोएडा, गाजियाबाद। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हिंसा को लेकर नोएडा-गाजियाबाद में हिंदू संगठन विरोध में उतर आए हैं। नोएडा में यह विरोध प्रदर्शन सेक्टर-33 इस्कॉन टेंपल के पीछे ग्राउंड में चल रहा है। विरोध प्रदर्शन में सांसद महेश शर्मा भी मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन में हिंदू संगठनों के सीनियर नेता भी मौजूद रहे। साथ ही साधु संत भी विरोध प्रदर्शन में पहुंचे। वहीं रविवार को गाजियाबाद स्थित कवि नगर रामलीला मैदान में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए। मंच पर मौजूद वक्ताओं ने हिंदुओं पर हमला कर रहे लोगों पर सख्ती और हमले बंद कराने की मांग की। इसके चलते वक्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित कर एसडीएम को ज्ञापन दिया। इस विरोध प्रदर्शन में 43 हिंदू संगठन शामिल रहे।
हिंदू समाज सुरक्षा समिति के अध्यक्ष कैलाश चंद्र अग्रवाल ने राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में अल्पसंख्यकों पर हमले, हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की ओर ध्यान ले जाना है। मांग रखी गई कि बांग्लादेश के अंदर जिस प्रकार से हिंदू संस्कृति के बिंदुओं, हिंदू देवालयों पर हमले हो रहे हैं, वह चिंताजनक है। बांग्लादेश सरकार और उसकी अन्य एजेंसियां इसे रोकने के बजाय केवल मूकदर्शक बनके बैठी हैं।
तीन घंटे प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन करीब सुबह 11 बजे शुरू हुआ और दोपहर दो बजे तक चला। इसमें विभिन्न हिंदू संगठन के प्रतिनिधि मंच पर बैठे। भाजपा सांसद अतुल गर्ग, राज्य मंत्री सुनील शर्मा, विधायक नंदकिशोर गुर्जर आदि अलग से कुर्सी पर बैठे। इस विरोध प्रदर्शन में 43 हिंदू संगठन शामिल हैं।
बंगाल में ढाका की साडिय़ां जलाईं
पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। कोलकाता, कांथी, काकद्वीप, संदेशकाली और पुरुलिया में हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से आयोजित रैलियों में सैकड़ों लोग शामिल हुए। इन प्रदर्शनों में लोगों ने हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की भी मांग की। कोलकाता के सॉल्ट लेक इंटरनेशनल बस टर्मिनस के पास प्रदर्शन में लोगों ने बांग्लादेश की जमदानी साडिय़ों को जलाया। उन्होंने बांग्लादेश के सामान का बहिष्कार करने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि अगर तिरंगे का अपमान और हिंदुओं पर हमले जारी रहे, तो भारत के लोग चुप नहीं बैठेंगे।