नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों की पेंशन पर चिंता जताई और कहा कि यह दयनीय है। हाई कोर्ट के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को 10 से 15 हजार रुपए पेंशन मिल रही है। जस्टिस भूषण रामाकृष्ण गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि आप हर मामले में कानूनी दृष्टिकोण नहीं अपना सकते। कभी-कभी आपको मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत होती है। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जजों की पेंशन से संबंधित एक याचिका बुधवार को पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी।
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और अनुरोध किया कि इस पर जनवरी में सुनवाई की जाए। आर. वेंकटरमणी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करेगी। बेंच ने कहा कि बेहतर होगा कि आप उन्हें (सरकार को) समझाएं कि (इस मामले में) हमारे हस्तक्षेप से बचा जाए, तो बेहतर है। बेंच ने कहा कि मामले का फैसला व्यक्तिगत मामलों के आधार पर नहीं किया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट जो भी आदेश देगी, वह सभी हाई कोर्ट के जजों पर लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तारीख तय की।