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जो महाकुम्भ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। महाकुंभ (Mahakumbh) को लेकर विपक्षी नेताओं की भाषा शैली को सनातन संस्कृति पर सीधा हमला करार देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि संक्रमित व्यक्ति का इलाज तो हो सकता है मगर संक्रमित सोच लाइलाज है। विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ को लेकर विपक्ष के आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब देते हुए कहा “विपक्ष ने महाकुम्भ (Mahakumbh) को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इसे धन की बर्बादी तक करार दिया। राजद प्रमुख महाकुंभ को फालतू कहते हैं तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इसे पैसे की बर्बादी बताते हैं।

सपा नेता जया बच्चन ने कहा कि मौनी अमावस्या भगदड़ में मृत लोगों के शवों को बहा दिया गया जिससे त्रिवेणी प्रदूषित हो गयी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे कहते हैं कि भगदड़ में हजारों लोगों की जान चली गयी। इनसे भी बढ़ कर एक नेता यह भी कहती है कि यह महाकुंभ नहीं बल्कि मृत्यु कुंभ है।”

 

विपक्ष की आदत है सनातन संस्कृति का विरोध करना

उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति का विरोध करना वास्तव में इन नेताओं की आदत बन चुकी है। वास्तव में संक्रमित व्यक्ति का इलाज तो किया जा सकता है मगर संक्रमित सोच का इलाज संभव नहीं है। विपक्ष निरंतर महाकुम्भ के आयोजन को लेकर दुष्प्रचार कर रहा है, जबकि यह आयोजन सनातन संस्कृति का गौरव है और इसे भव्य रूप से मनाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। अगर किसी को लगता है कि यह अपराध है तो उनकी सरकार यह अपराध बार बार करना पसंद करेगी। सरकार महाकुम्भ को ऐतिहासिक बनाने के लिए कृतसंकल्प है।

सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष जिस भाषा का प्रयोग कर रहा है, वह किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देती। विपक्ष के कुछ नेता महाकुम्भ जैसे आयोजन की भव्यता पर सवाल उठाते हैं और समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। विपक्ष पहले दिन से ही महाकुम्भ का विरोध कर रहा है। अगर वे वास्तव में जनता के हितैषी होते तो इस आयोजन पर चर्चा के लिए सदन में उपस्थित रहते, लेकिन उन्होंने सदन को बाधित किया। जैसे ही महाकुम्भ शुरू हुआ, इन्होंने अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया।

महाकुम्भ कोई नया आयोजन नहीं

उन्होंने कहा “ किसी भी सभ्य समिति के लिए वह भाषा शोभा नहीं देती है। आप लोगों के अपने संस्कार हो सकते हैं, आप लोगों का अपना व्यवहार हो सकता है, लेकिन कोई सभ्य समाज और कोई सभ्य समिति कभी भी उसको मानता नहीं दे सकती है। महाकुम्भ कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि यह वैदिक परंपरा से चला आ रहा है। ऋग्वेद, अथर्ववेद और श्रीमद्भागवत महापुराण में भी इसका उल्लेख है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसे संकीर्ण राजनीतिक नजरिए से देखना अनुचित है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महाकुंभ आयोजन के पहले इस बारे में कहना शुरू किया कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की आवश्यकता क्या है जबकि हमारा उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराना है। प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हम इसे ऐतिहासिक बना रहे हैं और इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।

जो महाकुम्भ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे

उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग शुरू में महाकुम्भ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि 2013 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब इनके नेताओं को प्रयागराज जाने से रोका गया था, लेकिन इस बार वे खुद वहां गए और हमारे द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा भी की।

योगी ने कहा, “ सनातन धर्म भारत की आत्मा है और इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमारी सरकार इस परंपरा को भव्यता देने के लिए कृतसंकल्प है। सनातन धर्म की सुरक्षा ही विश्व मानवता की सुरक्षा की गारंटी है। प्रयागराज महाकुम्भ में हर जाति, मत और मजहब के लोग श्रद्धा के साथ पहुंचे हैं। जब क्रिकेटर मोहम्मद शमी तक ने स्नान किया, तो विपक्षी नेता इसका विरोध क्यों कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि विपक्ष महाकुम्भ ही नहीं, बल्कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी विरोध करता रहा है। जब सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से राम जन्मभूमि पर फैसला दिया, तब भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे दलों ने इसका विरोध किया था। अयोध्या में रामलला विराजमान हुए, तब भी यही लोग विरोध कर रहे थे। जब हमने प्रस्ताव दिया कि सभी विधायक अयोध्या दर्शन के लिए जाएं, तब समाजवादी पार्टी ने वॉकआउट कर दिया।

डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का परसेप्शन बदला

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की छवि नकारात्मक थी, लेकिन डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का परसेप्शन बदला है। उन्होंने कहा कि आज यूपी की छवि विकास, कानून व्यवस्था और संस्कृति के संरक्षण के लिए जानी जाती है। महाकुम्भ इसका एक बड़ा उदाहरण है। दुनिया हमें सम्मान की नजरों से देख रही है। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि जो लोग महाकुम्भ का विरोध कर रहे हैं, वे अपनी सोच बदलें। हमें गर्व है कि यह भव्य आयोजन हमारी सरकार के नेतृत्व में हो रहा है और हम इसे पूरी निष्ठा के साथ संपन्न करेंगे।

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