”राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस” (1 जुलाई) पर विशिष्ट चिकित्सकों के विचार

भारत में ”राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस” 1 जुलाई को मनाया जाता है यह दिन डॉक्टर विधान चंद्र राय को समर्पित है विधान चंद्र राय चिकित्सक होने के साथ पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे। डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है क्योंकि जब एक आम इंसान का जीवन खतरे में पड़ जाता है तब एक डॉक्टर ही उसकी जिंदगी को बचाता है डॉक्टर डे पर यह जानने का प्रयास किया कि चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों व आम जनता को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है इसी को लेकर विवेक कुमार ने जब विशिष्ट चिकित्सकों के विचार जाने तो बड़े ही रोचक तथ्य उभर कर सामने आए।
1. राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय सचिवालय के प्रभारी/वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ बृजेश कुमार सिंह बताते हैं कि स्वास्थ्य मनुष्य की अमूल्य निधि है। इसी पर मनुष्य की प्रसन्नता, खुशहाली, समृद्धि एवं क्रियाकलाप निर्भर होते हैं। शरीर का स्वस्थ होना न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि समाज एवं राष्ट्र के लिए आवश्यक होता है। स्वस्थ व्यक्ति ही अपने भाग्य का निर्माण कर सकता है। हर डॉक्टर को मरीज के प्रति सजग रहना चाहिए। मरीज जल्द से जल्द कैसे ठीक होगा उसे यह जरूर बताना चाहिए ।इतना सुनते ही मरीज अपने आप को आरामदायक महसूस करेगा मरीज के प्रति सिंपैथी होना बहुत जरूरी है और इलाज में ज्यादा खर्चा नहीं होना चाहिए महंगाई के दौर में हर आदमी के पास पैसा नहीं होता है इसलिए कम से कम बजट में मरीज का उपचार होना चाहिए। अगर मरीज को विशेष चिकित्सा की आवश्यकता है तो उसे तुरंत रेफर कर देना चाहिए न कि उसका खर्च बढ़ाते रहना चाहिए। पैसे के चक्कर में मरीज को फंसाये नहीं रखना चाहिए।
2. राजेश क्लीनिक के सीनियर फिजिशियन डॉ विक्रम अग्रवाल के अनुसार आजकल की जो यंग जेनरेशन है उसको हम देख रहे हैं कि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है पहले शुगर और ब्लड प्रेशर के पेशेंट 45 की उम्र में हुआ करते थे पर आज 30 की उम्र में ही यह सब दिखाई पड़ रहा है। युवा पीढ़ी को एक्सरसाइज, डाइट का रोजाना ध्यान रखना चाहिए और वर्कआउट जरूर करें। खाने पीने का विशेष ध्यान रखें। आजकल की यह टेंडेंसी है की रात 11:00 बजे खाना खाते हैं रात में ऐसा बिल्कुल भी न करें। देर रात भोजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। रोज एक सब जरूर खाएं और एक्सरसाइज रूटीन में लाएं। रोज सुबह शाम 45 मिनट वॉकिंग जरूर करें अगर सीनियर डॉक्टर आपको कोई बात बता रहा है तो उसे फॉलो जरूर करें। तभी बेहतर होगा।
3. कृष्णा मेडिकल सेंटर की संचालिका एवं वरिष्ठ डॉ चंद्रावती कहती हैं कि डॉक्टर बनना मानवता की सेवा करने का आह्वान है, न कि केवल करियर का निर्णय। मेडिकल स्कूल के पहले दिन से ही हमें जो उद्देश्य की एक मजबूत भावना सिखाई गई है- स्वास्थ्य में सुधार करना और जीवन बचाना। हम मानते हैं कि हमारे मरीज का हम पर जो भरोसा है वह अमूल्य है और हम उस भरोसे को कायम रखने के लिए अथक प्रयास करते हैं। जो लोग मेडिकल प्रोफेशन चुनते हैं उन्हें यह पता होना चाहिए कि पेशेंट को मेडिसिन से ठीक करना तो है ही पर उसके साथ इमोशनल सपोर्ट देना भी जरूरी है डॉक्टर को डिजीज तो पहचानी होती है पर उसके साथ जो डिजीज और जरूरी चीजे होती हैं वह भी डॉक्टर की ही ड्यूटी में आती है। हम पेशेंट के साथ हैं पेशेंट को हम पर पूरा भरोसा है इसलिए पेशेंट के साथ सच्चाई और सहानुभूति जरूर दिखाएं।
4. मनोवैज्ञानिक डॉक्टर ज्योति दुबे का कहना है कि डॉक्टर को हमारे समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है। क्योंकि एक डॉक्टर अपने मरीजों के इलाज व उनके जीवन को बचाने के लिए की जान से अपनी प्रोफेशनल ट्रेनिंग का इस्तेमाल करते हैं व ज्ञानवर्धन इलाज पद्धति से गंभीर से गंभीर रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं और अपने मरीज की लाइफ को सुरक्षित कर लेते हैं। हमारा यह भी नैतिक कर्तव्य है कि हम भी डॉक्टर के प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार उनका सम्मान व सहयोग प्रदान करना चाहिए ताकि उनके किसी कार्य में बाधा उत्पन्न न हो। इससे भी जरूरी है डॉक्टर की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी हर एक नागरिक को दी जाए ताकि जिस तरह कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया। ऐसा किसी भी डॉक्टर के साथ न हो। इसलिए इस डॉक्टर डे पर अपने आप से वादा करते हैं कि हम सभी को मिलकर इस सफेद कोट में भगवान स्वरूप जीवनदायक डॉक्टर को सुरक्षा सम्मान व सहयोग प्रदान करना हमारा नैतिक दायित्व है।
5. कलित स्कीन केयर सेंटर की डायरेक्टर डॉक्टर श्वेता रस्तोगी उन सभी डॉक्टरों को नमन करती हैं जो हर दिन न सिर्फ रोगों से लड़ते हैं, बल्कि लोगों में आत्मविश्वास, सौंदर्य और जीवन का प्रकाश भरते हैं। चाहे त्वचा की देखभाल हो या आत्म सम्मान की रक्षा, हर डॉक्टर एक अदृश्य योद्धा है। जो निस्वार्थ सेवा से जीवन को बेहतर बनाता है। आज डॉक्टर्स डे के इस पावन अवसर पर मैं समाज से सिर्फ एक बात कहना चाहती हूं हमें सिर्फ तब याद ना करें जब हम बीमार हो, हमें साथ लेकर चलें, ताकि आप बीमार न हो। हर दाग सिर्फ त्वचा पर नहीं होता, कुछ आत्मा पर भी होता है और एक अच्छा डॉक्टर दोनों को समझता और संवारता है।
6. डॉ रवि भास्कर जाने-माने चेस्ट स्पेशलिस्ट तथा श्वसन संबंधी परेशानियों से निजात दिलाकर मरीज को नया जीवन प्रदान करते हैं। डॉ रवि को मरीजों की सेवा करने में ईश्वरी आनंद की अनुभूति होती है व्यस्ततम क्षणों में भी समय निकालकर किसी को निराश नहीं करते वह मरीज की स्थिति के अनुसार नवीनतम शोध को ध्यान में रखकर अपने दीर्घकालीन अनुभव का लाभ देते हैं उनका कहना है कि बिना जनता के आशीर्वाद व सहयोग के डॉक्टर सफल नहीं हो पाता। विदेशों में भी समय-समय पर आयोजित सेमिनार में भी जाते रहते हैं और प्रदेश और समाज को लाभान्वित करते रहते हैं ।एक केस को याद करते हुए आकर्षक व्यक्तित्व वाले डॉक्टर भास्कर बताते हैं कि उन्होंने 4 वर्ष के बच्चे की सांस की नली में फंसे मूंगफली के दो टुकड़ों को सफलतापूर्वक निकालकर उसे मौत के मुंह से वापस लाने में सफलता पाई। 9 दिन के संघर्ष के बाद बच्चे को जीवन दान मिल सका।
7. होम्योपैथिक डॉक्टर टीपी त्रिपाठी डॉक्टर डे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताते हैं कि होम्योपैथिक एक बड़ी ही आश्चर्यजनक विधा है इसके बारे में हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं उस तरह के परिणाम हमको मिलते हैं एक पेशेंट को मैंने उसके थाई में सिलाई की जिससे हम बटन लगते हैं कपड़े सिलते हैं वह नीडल उसके थाई में चुभ गई और वह नीडल लगभग 1 इंच अंदर चली गई एलोपैथिक के सर्जन ने कहा कि इसका सर्जरी होगी और कोई नर्व भी डैमेज हो सकता है फिर वह मेरे पास राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में आया हमने एकमात्र दवा होम्योपैथिक की साइलेसिया 30 पावर में दी और 4 -6 दिन के बाद कुछ हिस्सा उभरा हुआ मिला और उसने चिमटी से निकाल दिया और वह ठीक हो गया जहां तक संभव हो होम्योपैथिक औषधियों का उपयोग करें। जहां सर्जरी की बात हो अन्य जटिल बीमारियां हो वहां पर एलोपैथिक का ही उपयोग करें।
8. पूर्व चिकित्सा अधिकारी डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व ओम आयुर्वेद केंद्र के संस्थापक व जनता के बीच में चर्चा के बाद यह सामने आया कि डॉक्टर के बीच संवादहीनता के कारण यह दिवस मनाना जरूरी हो गया है। जनता भी चर्चा करती रहती है कि डॉक्टर मरीज व उसके साथ आए लोगों के साथ सहानुभूति पूर्ण व दोस्ताना व्यवहार करें । भले वे कुछ भी ना कर पाए तो भी कहे कि हम भरपूर कोशिश कर रहे हैं भगवान की कृपा हमारे साथ भरपूर है आप लोग धैर्य रखिए। डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ व परिचारको के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रदर्शित भी करते रहना चाहिए। क्योंकि डॉक्टर धरती का भगवान माना जाता है। जो आपसे कोई भी शिकायत नहीं करते और आपके साथ सदैव खड़े रहते हैं सरकारी प्रयास वास्तव में सराहनीय है आयुष्मान स्वास्थ्य योजनाएं भी चल रही है हर व्यक्ति का स्वास्थ्य बीमा अनिवार्य रूप से होना चाहिए और संबंधित की जवाब देही भी तय होनी चाहिए। तभी डॉक्टर्स डे की सार्थकता होगी। हमारा कहना है डॉक्टर्स डे के बजाए डॉक्टर और पेशेंट डे के रूप में जन सहभागिता के साथ व्यापक स्तर पर मानना चाहिए क्योंकि दोनों को एक दूसरे की आवश्यकता है डॉ एसके पांडे का भी कहना है कि डॉक्टर मरीज का इलाज भी करें और पर्याप्त समय देकर उसे आहार विहार, ऋतु चर्या, दिनचर्या व बीमार कभी ना पड़े इस पर चर्चा करनी चाहिए मरीज व डॉक्टर का भावनात्मक सामंजस्य हर हाल में होना चाहिए तभी डॉक्टर पेशेंट डे की सार्थकता सिद्ध होगी।