
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 29 बार कहा है कि उन्होंने युद्ध रुकवाया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह झूठ बोल रहे हैं। राहुल गांधी ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी में इंदिरा गांधी की तरह 50 प्रतिशत भी दम है, तो कहें कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान में सीजफायर नहीं कराया। ऑपरेशन सिंदूर में भारत का एक भी फाइटर जेट नहीं गिरा है। राहुल गांधी ने सदन में कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमें यह नहीं बताया कि पहलगाम के बाद किसी भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की, इसका मतलब है कि दुनिया हमारी तुलना पाकिस्तान से कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि हमने रात एक बजकर 35 मिनट पर पाकिस्तान को यह बताया कि हमने आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। यह एस्केलेटरी नहीं थी। अब कोई एस्केलेशन नहीं होना चाहिए। राहुल ने कहा कि मैं कहता हूं आपने 35 मिनट में ही पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया। यह बता दिया कि आपके पास लडऩे की इच्छाशक्ति नहीं है। सरकार ने पायलट्स के हाथ-पांव बांध दिए। राहुल गांधी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने कोई गलती नहीं की, राजनीतिक नेतृत्व ने यह कहकर गलती की कि आप पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे पर हमला नहीं कर सकते।
क्यों पाकिस्तान को बताया गया कि हम हमला नहीं करेंगे, हम एक्सेलेशन नहीं चाहते। मतलब हमने आपको थप्पड़ मारा है, दूसरा नहीं मारेंगे। क्योंकि इसका मकसद पीएम को बचाना था। उनके हाथ पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के खून से सने थे। राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार ने पूरी की पूरी पावर आतंकियों के हाथ में दे दी कि एक हमला करो और युद्ध हो जाएगा। उस पल को देखिए कि जिस समय एक आतंकी हमला होगा और पाकिस्तान से जंग शुरू की जा सकती है। यही इस सिचुएशन की हकीकत है। तीन महीने पहले ये लोग मेरे ऊपर हंस रहे थे, जब मैंने कहा था कि भारत की विदेश नीति फेल हो रही है। राहुल ने कहा कि आपको मुझ पर भरोसा नहीं, तो जब डीजीएमओ लेवल की बातचीत हो रही थी, तब सामने आया कि पाकिस्तान को चीन से लाइव डाटा मिल रहा था। यह इस समय के लिए खतरनाक है कि पीएम अपनी इमेज बचाने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं। सेना का इस्तेमाल आजादी के लिए होना चाहिए, उनके हाथ नहीं बांधे जाने चाहिए। ट्रंप को इसका मौका नहीं देना चाहिए था कि वह कहे कि मैंने जंग रोकी। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखिए कि किसी भी देश ने पाकिस्तान का विरोध नहीं किया, बल्कि आतंकवाद की निंदा की है।