लखनऊ (Video): 32 वर्षों के बाद बने पक्के ‘अशोक वाटिका छठ घाट’ पर व्रतधारियों ने खुशी व आनन्द के साथ मनायी ‘छठ पूजा’

लखनऊ। भारतीय परंपराओं का प्रमुख त्योहार ‘छठ पूजा’ का आयोजन छठ घाट, उत्तराखंड महोत्सव के बगल में आयोजित किया गया। 27 अक्टूबर 2025 को छठ पूजा का प्रथम अर्घ्य देकर शाम को डूबते हुए सूर्य देव को देखकर मनाया गया। कार्यक्रम के आयोजक पंडित मनीष महाजन ने अनुसार ‘‘इस घाट पर 32 वर्षों के बाद लगातार प्रयास करने के बाद घाट को पक्का बनाने की अनुमति मिली है, 3 दिन के अंदर इस पक्के घाट का निर्माण किया गया तथा पूजा के लिए तैयार किया गया। मैं अपनी माता स्व- श्याम रति महाराज जी के साथ बचपन में गोमती नदी के किनारे पूजा करने आता था, माता जी की इच्छा थी कि इस घाट को सजाया जाए और यहाँ धूमधाम से पूजा किया जाए। उनकी इच्छानुसार लगातार धूमधाम से पूजा होती आ रही थी परंतु घाट पक्का नहीं हो पा रहा था। लेकिन इस वर्ष घाट तो पक्का हो गया। लेकिन अब घाट में नहाने व पूजा करने के लिए मेरी माता जी नहीं रही। उन्ही की याद में इस वर्ष पूजा को बड़े धूमधाम से मना कर यह पक्का घाट उनको समर्पित किया।’’
मनीष जी ने बताया की शाम 3 बजे से घाट पर लोग पूजा के लिए आने लगते है तथा शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दे कर घर चले जाते है तथा सुबह 3ः00 बजे से पूजा के लिए आते है उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतधारी महिलाएं अपना व्रत पूर्ण करती है। घाट पक्का होने पर इस घाट का नवीन नाम ‘अशोक वाटिका छठ घाट’ पुराना हैदराबाद रखा गया है।
घाट के तैयार करने में विकास श्रीवास्तव,जुगल सिंह विक्की महाजन,राजितराम प्रजापति (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भारतीय जन जन पार्टी),पंडित शर्मिला महाराज, विपिन,रोहित गुप्ता आदि छठ प्रेमियों ने सहयोग किया और लखनऊ विकास प्राधिकरण को दिल से धन्यवाद किया तथा मां शारदा म्यूजिकल ग्रुप छठी मैया के भजन गाकर लोगों का मन मोह लिया। इस घाट पर प्रत्येक वर्ष सैकड़ो लोगों की मन्नत पूर्ण होती है दर्जन लोगों की दस साल से सुनी गोद भर गई इसीलिए इस घाट को ‘मनौतियों का घाट’ भी कहते हैं।







