
नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के आने से पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का करियर ज्यादा रिस्क में है। संयुक्त राष्ट्र में सामने आई एक स्टडी में पता चला है कि एआई के ऑटोमेशन से महिलाओं की नौकरियों को ज्यादा खतरा है। एआई और ऑटोमेशन दुनिया भर की इंडस्ट्रीज पर असर डाल रहा है। इसकी वजह से जॉब मार्केट में महिलाएं पीछे छूट सकती हैं। दरअलस, यूनाइटेड नेशन (यूएन) की नई जेंडर स्नैपशॉट-2025 रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ऑटोमेशन के चलते पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा जॉबलैस हो सकती हैं। रिपोर्ट में एआई की वजह से जाने वाले नौकरियों का संभावित प्रतिशत भी बताया गया है।
रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि दुनिया भर में महिलाओं के 28 प्रतिशत रोजगार एआई की वजह खतरे में हैं, जबकि पुरुषों की 21 प्रतिशत नौकरियां एआई की वजह से जा सकती हैं। यूएन की यह रिपोर्ट एआई के चलते टेक्निकल जॉब मार्केट में हो रही उथल-पुथल के साथ-साथ जेंडर गैप की ओर भी इशारा करती है। ग्लोबल टेक वर्कफोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 29 फीसदी है और टेक लीडरशिप के पदों पर उनकी हिस्सेदारी महज 14 फीसदी है। माना जा रहा है कि साल 2030 तक यानी इन पांच सालों में एआई बहुत सारे बदलाव लाने वाला है। रिपोर्ट, उन बदलावों में लैंगिक समानता पर फोकस करने के लिए इशारा करती है।
जेंडर स्नैपशॉट-2025 रिपोर्ट हो या वल्र्ड इकोनॉमिक की फ्यूचर जॉब्स रिपोर्ट, हाल ही में ऐसी कई स्टडी सामने आई हैं कि एआई बहुत से लोगों की नौकरियां छीन लेगा। लेकिन साथ ही यह भी सच है कि अगर आप खुद को अपग्रेड करते हैं, तो फायदा भी कई गुना होगा। अगर एआई के दौर में नौकरी बचानी है, तो डिजिटल और टेक्निकल स्किल्स सीखने होंगे। आप डाटा एनालिटिक्स, प्रोग्रामिंग, या डिजिटल मार्केटिंग जैसे स्किल सीख सकते हैं। ऑनलाइन कोर्स, वर्कशॉप या सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के जरिए खुद को अपस्किल कर सकते हैं। एआई के नए-नए टूल्स की नॉलेज न सिर्फ आपकी नौकरी बचा सकती है, बल्कि रोजगार के नए दरवाजे भी खोल सकती है।






