
पणजी। नॉर्थ गोवा के अरपोरा में स्थित नाइटक्लब में लगी आग से हुई 25 मौत ने एक बार फिर नाइटक्लबों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये क्लब अवैध रूप से चल रहा था और क्लब के एंट्री, एग्जिट गेट बेहद संकरे थे, जिससे लोगों ने घटनास्थल पर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। जांच में खुलासा हुआ है कि बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में आने (एंट्री) और जाने (एग्जिट) दोनों ही बेहद संकरे थे। बैकवाटर के किनारे बने इस क्लब तक पहुंचने का रास्ता भी सिर्फ एक रास्ता था, वो भी संकरा रास्ता है। फायर ब्रिगेड के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फायर टेंडर को घटनास्थल से करीब 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा, जिससे आग बुझाने और बचाव कार्य में भारी देरी हुई। अधिकांश मौतें दम घुटने (सफोकेशन) से हुईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब लोग आग से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे तो अफरा-तफरी मच गई।
हैदराबाद की एक पर्यटक फातिमा शेख ने बताया कि जब आग भडक़ी तो कई पर्यटक अफरा-तफरी में नीचे की ओर भागे और ग्राउंड फ्लोर पर स्थित रसोई में पहुंच गए थे, जहां वह और क्लब में मौजूद स्टाफ के साथ फंस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वीकेंड की वजह से क्लब खचाखच भरा हुआ था और डांस फ्लोर पर लगभग 100 लोग मौजूद थे। कुछ ही मिनटों में पूरा क्लब आग की लपटों में घिर गया और ताड़ के पत्तों से बने अस्थायी ढांचों ने आग को और तेज कर दिया। जांच में ये भी पता चला है कि ये नाइट क्लब अवैध रूप से चल रहा था और जिसको ध्वस्त करने का अरपोरा-नागोआ पंचायत ने पिछले साल ही डिमॉलिशन नोटिस जारी किया था। अरपोरा-नागोआ सरपंच रोशन रेडकर ने बताया कि क्लब का पूरा ढांचा अवैध था। शिकायत मिलने पर जांच की गई तो क्लब के पास कोई वैध निर्माण लाइसेंस नहीं मिला और क्लब में फायर सेफ्टी नियमों का घोर उल्लंघन हो रहा था। कैलंगुट के विधायक माइकल लोबो ने कहा कि अब सभी नाइटक्लबों का पंचायत स्तर पर फायर सेफ्टी ऑडिट होगा और सोमवार से ही नोटिस जारी किए जाएंगे। नियम नहीं मानने वालों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।








