नई दिल्ली। अमरीकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट की एक कॉपी इसके पब्लिश होने से लगभग दो महीने पहले अपने क्लाइंट को शेयर की थी। इसे न्यूयॉर्क के हेज फंड मैनेजर मार्क किंग्डन को शेयर किया गया था। इसने ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया था। बाजार नियामक सेबी ने यह दावा किया है। सेबी ने हिंडनबर्ग को भेजे अपने 46 पन्ने के कारण बताओ नोटिस में इस बारे में विस्तार से बताया है। सेबी ने बताया है कि कैसे अमरीकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग को अडानी ग्रुप की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट से फायदा हुआ।
रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद ग्रुप की कंपनियों में भारी-भरकम 150 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग ने न्यूयॉर्क के हेज फंड और कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े ब्रोकर को पहले ही इस रिपोर्ट की कॉपी शेयर की थी। वहीं, सेबी के इस कारण बताओ नोटिस के जवाब में हिंडनबर्ग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसमें हिंडनबर्ग ने कहा है कि यह ‘भारत के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की ओर से किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने-धमकाने’ का प्रयास है। साथ ही उसने खुलासा किया है कि अडानी की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लि. के खिलाफ दांव लगाने के लिए जिस इकाई का इस्तेमाल किया गया वह कोटक महिंद्रा (इंटरनेशनल) लिमिटेड (केएमआईएल) से संबंधित थी जो कोटक महिंद्रा बैंक की मॉरीशस स्थित सब्सिडियरी है। केएमआईएल के फंड ने अपने क्लाइंट किंग्डन के किंग्डन कैपिटल मैनेजमेंट के लिए अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड पर दांव लगाया।