चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हैरानीजनक प्रदर्शन करते हुए सूबे की 90 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर राज्य में रिकार्ड लगातार तीसरी बार कमल खिलाया है। उधर, राज्य में सरकार बनाने को लेकर आशावान कांग्रेस को सिर्फ 37 सीटों पर ही सब्र करना पड़ा है। इन चुनावों के दौरान इंडियन नेशनल लोकदल ने दो सीटें और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इसके साथ ही हरियाणा में आम आदमी पार्टी और जेजेपी-एएसपी गठबंधन का सफाया हो गया है। इन दोनों पार्टियों को एक भी सीट नहीं मिली है। बता दें कि मंगलवार सुबह आठ बजे पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होते ही कांग्रेस पार्टी ने बड़ी बढ़त बना ली थी, जो ईवीएम खुलते ही कम हो गई। आखिरकार प्रदेश की जनता ने 10 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा पर भरोसा जताया, जबकि जनता से बड़े-बड़े वादे करने वाली कांग्रेस को नकार दिया। इस बार भाजपा ने 2014 और 2019 के मुकाबले ज्यादा सीटें जीती हैं। 2014 में भाजपा ने 47 सीटें जीतीं थीं और 2019 में पार्टी को 40 सीटें मिली थीं। इन चुनावों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लाडवा विधानसभा क्षेत्र से और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने गढ़ी सांपला से जीत हासिल की है। इस बीच, आईएनआईएल के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला, जेजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और आप के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा सहित अन्य पूर्व मंत्रियों और बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा के नौ मंत्रियों को चुनाव में हार मिली है।
वहीं जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार इंडिया गठबंधन की बनने जा रही है। नेशनल कान्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के इस गठबंधन को 48 सीटें मिली हैं। इसमें से नेशनल कान्फ्रेंस को 42 और कांग्रेस को छह सीटें मिलीं। घाटी में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की। पीडीपी को तीन सीटें मिली। एक-एक सीट आम आदमी पार्टी, जेपीसी और सीपीआई(एम) के खाते में आई। आप का घाटी में पहली बार खाता खुला है। सात निर्दलीय उम्मीदवार भी जीतने में सफल रहे हैं। 90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। हालांकि पांच मनोनीत विधायकों के चलते बहुमत का आंकड़ा 48 तक पहुंचने वाला है। ऐसे मेें सरकार बनाने में पीडीपी की भूमिका अहम हो सकती है। उमर अब्दुल्ला ने दो सीटों (बडग़ाम और गांदरबल) पर चुनाव लड़ा और दोनों पर जीत दर्ज की।
इसी बीच नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने दावा किया कि उनके बेटे एवं पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि लोगों ने अपना फैसला दे दिया है और साबित कर दिया है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जो किया वह उन्हें स्वीकार्य नहीं था। जम्मू-कश्मीर कीपूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से हार गईं। उन्होंने कहा कि मैं लोगों के फैसले को स्वीकार करती हूं। उधर, नौशेरा सीट से हारने के बाद रविंदर रैना ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसी बीच, नेशनल कान्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में पार्टी की जीत का जश्न मनाया और पार्टी अध्यक्ष के आवास पर मिठाइयां बांटी।