नई दिल्ली। भारत के नए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना अपना पद संभालते ही लगातार नई व्यवस्था बनाने के आदेश दे रहे हैं। एक नए आदेश में उन्होंने मामलों की सुनवाई को लेकर बनाए जाने वाले रोस्टर में बदलाव किया है। सीजेआई खन्ना ने फैसला लिया कि सीजेआई और दो सीनियर जजों की अध्यक्षता वाली पहली तीन बैंच लेटर पिटीशन और जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की सुनवाई करेंगी। केस अलॉटमेंट के नए रोस्टर के तहत सुप्रीम कोर्ट को लिखे लेटर पर आधारित याचिकाओं और पीआईएल की सुनवाई सीजेआई खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बैंच करेंगी। पूर्व सीजेआई यूयू ललित सभी 16 बैंच को जनहित याचिकाएं सुनवाई के लिए अलॉट कर रहे थे। हालांकि उनके उत्तराधिकारी रहे सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस प्रथा को बंद कर दिया था। केस अलॉटमेंट रोस्टर में हुए बदलाव के तहत लेटर पिटीशन और पीआईएल के अलावा, सब्जेक्ट के आधार पर सीेजआई की बैंच ज्यादातर मुद्दों पर सुनवाई करेगी।
इसमें सामाजिक न्याय, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चुनाव से जुड़े विवाद, सांसदों और विधायकों के चुनाव से जुड़े मामले, बंदी प्रत्यक्षीकरण और मध्यस्थता के मामले शामिल हैं। जस्टिस कांत की अध्यक्षता वाली बैंच चुनाव से जुड़ी याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगी। जस्टिस जेबी पारदीवाला, सामान्य दीवानी मामलों के अलावा डायरेक्ट-इनडायरेक्ट टैक्स मामलों पर भी सुनवाई करेंगे। सीजेआई समेत तीन सीनियर जजों के अलावा बाकी 13 जज जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस एएस ओका, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी, जस्टिस बीवी नागरत्ना, जस्टिस सीटी रविकुमार, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी, जस्टिस पीएस नरसिम्हम, जस्टिस सुधांशु धूलिया, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पंकज मिथल हैं।