मेटाफर लखनऊ लिटरेचर फेस्टिवल में डॉ. शिप्रा चतुर्वेदी द्वारा अनूदित उपन्यास “बर्फ के सभी रंग” का विमोचन हुआ
लखनऊ। आज मेटाफर लखनऊ लिटरेचर फेस्टिवल में आन्गेलिका ओवेराथ द्वारा लिखित और डॉ. शिप्रा चतुर्वेदी द्वारा जर्मन भाषा से हिन्दी में अनूदित उपन्यास “बर्फ के सभी रंग” का विमोचन हुआ I अनेक पुरस्कारों से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुधाकर अदीब ने इसका विमोचन किया और वैज्ञानिक पर साहित्य में भी महारत रखने वाले डॉ नीरज चौबे ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की I डॉ. गीता चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का संचालन किया और डॉ. सुजाता चतुर्वेदी ने उपन्यास की साहित्यिक समीक्षा की I कार्यक्रम में लोगों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और सिर्फ सुना ही नहीं बल्कि उत्साहपूर्वक प्रश्न भी पूछे I
उपन्यास वास्तव में लेखिका की डायरी है जिसमें उन्होंने स्विट्ज़रलैंड के एक छोटे से गाँव का वर्णन किया है I यहाँ रोमांश भाषा बोली जाती है जो स्विट्ज़रलैंड की चार अधिकृत भाषाओं में से एक है I यह अल्पसंख्यक भाषा है I सीमित संसाधनों के चलते गाँव के लोग बेहतर भविष्य की खोज में निकल पड़ते हैं I गाँव के सुन्दर प्राकृतिक सौन्दर्य से आकर्षित और स्कीइंग करने के लिए इच्छुक लोग आते ही रहते हैं I गाँव एक साथ कई समस्याओं का सामना कर रहा है , घटती हुई स्थानीय आबादी, विलुप्त होती भाषा, अत्यधिक पर्यटन,प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ आदि सभी समस्याओं का लेखिका ने सभी बारीकी से वर्णन किया है I
मुख्य वक्ता डॉ सुधाकर अदीब ने अनुवाद की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अनुवाद भावनात्मक अनुमाद की श्रेणी श्रेणी का उत्तम कार्य है और दो संस्कृतियों को जोड़ने का काम करता हैI
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ नीरज दुबे ने अनुवादक डॉ शिप्रा चतुर्वेदी को ऐसे और अधिक अनुवाद करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि यह अनुवाद नहीं बल्कि रचना का सजीव चित्र प्रस्तुत करता है I