
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि वह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु क्षमता विकसित करने के ईरान के अधिकार का समर्थन करता है। यह बयान ऐसे समय आया है, जब दोनों देशों ने आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन इस्लामाबाद पहुंचे। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से उनके आधिकारिक निवास पर मुलाकात की। दोनों नेताओं की बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि ईरान को शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल का अधिकार है। यही मुद्दा हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव की जड़ बना हुआ है। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा हासिल करने के ईरान के अधिकार के साथ खड़ा है। शरीफ का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब ईरान और अमरीका के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। अमरीका ने पाकिस्तान को प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी का दर्जा दे रखा है और वह ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर आपत्ति जता रहा है।
जून महीने में इजरायल और अमरीका ने मिलकर ईरान के कुछ अहम परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इसके बाद ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ अपना सहयोग रोक दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री शरीफ ने ईरान के खिलाफ इजरायली हमलों की निंदा की और कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। उन्होंने गाजा में इजरायल की कार्रवाइयों की भी आलोचना की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से मुस्लिम देशों से अपील की कि वे वहां हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान दें। शरीफ ने बताया कि दोनों देशों ने कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान और ईरान का लक्ष्य सालाना 10 अरब अमरीकी डॉलर का व्यापार करना है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत की और सीमा पर उग्रवाद से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।