
नई दिल्ली। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के पास बम धमाके से जुड़े आतंकी डाक्टरों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं। दिल्ली में धमाके को अंजाम देने वाले डाक्टरों ने 26 लाख रुपए जमा किए थे। इस पैसे से उन्होंने विस्फोटक बनाने के लिए मैटेरियल खरीदा था। इस मकसद के लिए डाक्टरों ने तीन लाख रुपए में 26 क्विंटल एनपीके खाद खरीदी थी। इतने थोक पैमाने पर की गई खाद की खरीददारी भी इन आतंकियों के गिरफ्तारी की एक वजह बनी।
बता दें कि एनपीके खाद नाइट्रोजन, फास्फोरस और पौटेशियम से मिलकर बना होता है। ये खेती में इस्तेमाल होने वाला सामान्य खाद है। रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए डाक्टरों ने लाल किले के पास हुए घातक विस्फोट में इस्तेमाल की गई सामग्री खरीदने के लिए 26 लाख रुपए से ज़्यादा की रकम जुटाई थी। डाक्टरों ने दिल्ली समेत चार शहरों में धमाके करने की योजना बनाई थी।
उन्होंने बताया कि चार डाक्टर, जिनमें डा. मुजम्मिल गनई, डा. अदील अहमद राथर, डा. शाहीन सईद और डा. उमर मोहम्मद शामिल हैं, ने ये नकदी इक_ी की थी। इन लोगों ने इस पैसे को सुरक्षित रखने और ऑपरेशनल खर्च में इसका इस्तेमाल करने के लिए इसे डा. उमर को रखने के लिए दिया था, लेकिन रिपोर्ट यह भी बताते हैं कि इस रकम को लेकर डा. उमर और डा. मुजम्मिल के बीच विवाद भी हुआ था। जांच एजेंसियां अब ये पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस विवाद की वजह से भी इन आतंकियों की करतूत पकड़ी गई। जांचकर्ताओं का मानना है कि इतने बड़े फंड का मिलना इस बात की ओर संकेत करता है कि आतंकी बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे थे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस ग्रुप द्वारा इतनी बड़ी मात्रा में खाद की खरीद इस केस की जांच में एक अहम सुराग बन गई। अब पुलिस वित्तीय लेन-देन और डिलीवरी रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। सूत्रों ने यह भी बताया कि विस्फोट से पहले के दिनों में उमर और मुजम्मिल के बीच इस 26 लाख रुपए लेन-देन को लेकर मतभेद था। जांचकर्ता इस बात की तफ्तीश कर रहे हैं कि क्या इस विवाद ने ग्रुप की प्लानिंग को प्रभावित किया।







