
नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच के घेरे में आई फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (एआईयू) ने रद्द कर दी है। उधर, नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) ने यूनिवर्सिटी को फर्जी तरीके से मान्यता का दावा करने के मामले में शो कॉज नोटिस जारी किया है। एनएएसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी न तो एनएएसी से मान्यता प्राप्त है और न ही उसने साइकिल-1 के तहत किसी भी मान्यता के लिए आवेदन किया। इसके बावजूद विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर गलत तरीके से यह उल्लेख किया गया है। यूनिवर्सिटी ने अब वेबसाइट को बंद कर दिया है। इसी बीच गुरुवार को अल-फलाह यूनिवर्सिटी में बम डिस्पोजल स्क्वायड भी पहुंचा और तकरीबन तीन घंटे तक वहां जांच की। बम डिस्पोजल स्क्वायड को यूनिवर्सिटी से फिलहाल कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को गृह सचिव, डायरेक्टर इंटेलिजेंस ब्यूरो, डीजी एनआईए और गृह मंत्रालय के अन्य हाई लेवल अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि लाल किला ब्लास्ट मामले में फंडिंग की जांच में एनआईए के साथ-साथ ईडी और अन्य वित्तीय जांच से जुड़ी एजेंसियां भी काम करेंगी।
इसके साथ-साथ अल-फलाह यूनिवर्सिटी की भी फोरेंसिक जांच की जाएगी। दिल्ली ब्लास्ट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित होगी, जो दुनिया को संदेश देगी। दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी, जो मिसाल बनेगी। उधर, राजधानी में लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच में गुरुवार को बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी छह दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की बरसी के दिन दिल्ली समेत कई जगह धमाके करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 32 कारों का इंतजाम किया था। इनमें बम और विस्फोटक सामग्री भरकर धमाके किए जाने थे। इनमें ब्रेजा, स्विफ्ट डिजायर, इकोस्पोर्ट और आई-20 जैसी गाडिय़ां शामिल थीं। जांच एजेंसियों को अब तक चार कारें बरामद हो चुकी हैं। 10 नवंबर को जिस आई-20 कार में धमाका हुआ था, वह इसी सीरियल रिवेंज अटैक का हिस्सा थी। ब्लास्ट से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग घायल हैं, जिनमें से तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है।
विस्फोटक वाली कार में आतंकी उमर ही था, मां के डीएनए परीक्षण से पुष्टि
नई दिल्ली। डीएनए परीक्षण से पुष्टि हो गई है कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास जिस कार में विस्फोट में हुआ था, उसे डा. उमर नबी ही चला रहा था, क्योंकि उसके स्टीयङ्क्षरग व्हील में मिले पैर के हिस्से और नबी की मां के डीएनए नमूने आपस में मिल रहे हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार नबी की मां के डीएनए नमूने और नबी के पैर के डीएनए आपस में मैच हो रहे हैं। इससे पुष्टि होती है कि विस्फोट के समय वह ही कार चला रहा था। दिल्ली पुलिस के अनुसार उमर को दिल्ली की ओर जाने से पहले मुंबई एक्सप्रेसवे और कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर भी वाहन के साथ देखा गया था।







