नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पिछले तीन साल से भी अधिक समय से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच खबर आई है कि चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के बफरजोन में चार तंबू गाड़ दिए हैं। चुशूल के पार्षद कोनचोक स्टैनजिन के अनुसार, चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने दो दिन पहले पूर्वी लद्दाख के चुशुल में बफरजोन में चार टेंट लगाए हैं। यह मामला पूर्वी लद्दाख में गुरुंग हिल्स के टेबल टॉप इलाके की है। स्टैनजिन ने कहा कि उन्हें ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि भारतीय सेना द्वारा पीएलए की उपस्थिति पर आपत्ति जताने के बाद तीन तंबू हटा दिए गए थे, जबकि चौथा तंबू हटाने की प्रक्रिया में था। इस बारे में भारतीय सेना की ओर अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
स्टैनजिऩ ने कहा कि पीएलए ने दो दिन पहले चुशुल में टेबल टॉप पर्वत के ठीक नीचे चार टेंट लगाए थे। यह क्षेत्र बफर जोन के अंतर्गत आता है। फिर वे तंबू कैसे खड़े हो गए? यह पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट समझौते का उल्लंघन है। क्या यह चिंता का विषय नहीं है? उन्होंने कहा कि तंबू पर सेना और ग्रामीणों की नजर पड़ी, जिसके बाद पीएलए के साथ एक बैठक बुलाई गई। बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में विवाद की शुरुआत अप्रैल-मई 2020 में हुई थी। इसके बाद गलवान में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन को भी इस झड़प में भारी नुकसान पहुंचा था। इस हिंसक झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर दोनों देशों ने जवानों की तैनाती में इजाफा किया है।