चेन्नई। भारत का तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ सफलता की गाथा को गति देते हुए बुधवार को चांद की सतह के और करीब पहुंच गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज अपराह्न एक से दो बजे के बीच चांद और चंद्रयान की दूरी कम करने की दिशा में सफलतापूर्वक महत्वपूर्ण ऑर्बिट रेजिंग मनूवर किया । इस पैंतरेबाजी से चंद्रयान-3 को चंद्रमा के और भी करीब पहुंचा दिया गया। इसरो ने एक ट्वीट में कहा, “ चंद्रयान -3 मिशन: चंद्रमा के और भी करीब सतह। चंद्रयान-3 की कक्षा एक महत्वपूर्ण ऑर्बिट रेजिंग मनूवर के बाद 174 किमी x 1437 किलोमीटर तक कम हो गई है। अगला ऑपरेशन 14 अगस्त, 2023 को 11:30 से 12:30 बजे के बीच निर्धारित है।”
बाइस दिन के सफर के बाद चंद्रयान पांच अगस्त को शाम सवा सात बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। चंद्रयान के कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैद की थी। इसरो ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया है। इन तस्वीरों में चंद्रमा के क्रेटर्स साफ-साफ दिख रहे हैं। यान चंद्रमा की ग्रैविटी में कैद हो सके, इसके लिए उसकी गति कम की गई। गति कम करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने यान के फेस को पलटकर थ्रस्टर 1835 सेकेंड यानी करीब आधे घंटे के लिए फायर किए। ये फायरिंग शाम 7:12 बजे शुरू की गई थी।
अगर सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा और इसी के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान बन जाएगा। चंद्रमा पर उतरने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, चंद्र भूमध्य रेखा के उत्तर या दक्षिण में कुछ डिग्री अक्षांश पर उतरे हैं।