नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी ने आज कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य गठजोड़ का भारत को अच्छी तरह से पता है और वह प्रौद्योगिकी का मुकाबला प्रौद्योगिकी से तथा ताकत का मुकाबला प्रशिक्षण और रण कौशल के बल पर मजबूती से करने को पूरी तरह तैयार है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने 91 वें वायु सेना स्थापना दिवस 8 अक्टूबर से पहले मंगलवार को यहां वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में कहा कि हमारे क्षेत्र में अस्थिर तथा अनिश्चित भू राजनैतिक स्थिति को देखते हुए मजबूत तथा विश्वसनीय सेना समय की जरूरत है।
वायु सेना प्रमुख ने पाकिस्तान और चीन के बीच बन रहे सैन्य गठजोड़ के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि भारत को जानकारी है कि उनके बीच प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण हो रहा है। पाकिस्तान में जे एफ- 17 लड़ाकू विमान बनाया जा रहा है और वह जे-10 विमान भी ले रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी नजर इस बात पर है और हम प्रौद्योगिकी का मुकाबला प्रौद्योगिकी से तथा ताकत और अधिक संख्या का मुकाबला अपने प्रशिक्षण तथा रणकौशल से करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम सीमा पर अत्यंत कड़ी नजर रख रहे हैं। हम खुफिया जानकारी, निगरानी तथा टोही अभियानों के माध्यम से सीमा पर और सीमा पार बनायी जा रही ढांचागत सुविधाओं, क्षमता निर्माण तथा संसाधनों पर पैनी नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संचालन नीतियां गतिशील हैं और ये स्थिति तथा समय की जरूरत और मोर्चे की जगह के अनुरूप बदलती रहती हैं। उन्होंने कहा कि यदि कहीं दुश्मन संख्या में अधिक है तो भी हम अपने प्रशिक्षण और रण कौशल के माध्यम से उसे कड़ी टक्कर देने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि हम अपनी निगरानी प्रणाली में भी समय समय पर बदलाव करते रहते हैं।