सोने-चांदी-हीरे से बनाई राम मंदिर की अनुकृति
वाराणसी। गुलाबी मीनाकारी के राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित हस्तशिल्पी वाराणसी के कुंज बिहारी ने सोने, चांदी और डायमंड से 108 दिनों की मेहनत से श्रीराम मंदिर की रेप्लिका बनाई है। जीआई और ओडीओपी उत्पादों में शुमार गुलाबी मीनाकारी की चमक पूरी दुनिया में है। वाराणसी के गाय घाट निवासी नेशनल अवॉर्डी शिल्पकार कुंज बिहारी का दावा है कि पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्रीराम मंदिर की अनुकृति बनाई गई है। इसको बनाने में 108 दिन का समय लगा है। गुलाबी मीनाकारी में सोने और चांदी का प्रयोग किया जाता है। राम मंदिर की अनुकृति लगभग 2.5 किलो की है जो 12 इंच ऊंची, 8 इंच चौड़ी और 12 इंच लंबी है।
इसमें सोना, करीब डेढ़ किलो चांदी और अनकट डायमंड शिखर पर लगाया गया है। प्रभु राम के मंदिर की अनुकृति 108 पाट््र्स से निर्मित किया गया है। मंदिर की रेप्लिका में रामलला की सोने की मूर्ति भी है। उन्होंने बताया कि इस अनुकृति को बनाने में श्रीराम की कृपा रही है। पहली बार गुलाबी मीनाकारी से श्रीराम मंदिर बनाने की जब कोशिश की जा रही थी, तब वह पहले तो आकार ही नहीं ले पा रही थी, मगर जब प्रभु श्रीराम का नाम लेकर तथा उनके भजन सुनते हुए काम शुरू किया गया तो देखते ही देखते गुलाबी मीनाकारी से मंदिर ने अपना स्वरूप ले लिया। उन्होंने बताया कि मोदी व योगी के प्रयासों से आज गुलाबी मीनाकारी को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल गई है।