नई दिल्ली। तीन भारतीय इंजीनियरों को म्यांमार में बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है। ये तीनों युवा उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। युवकों का आरोप है कि एक चीन की कंपनी उनसे साइबर फ्रॉड का काम करवा रही है। काम का विरोध करने पर उनके साथ मारपीट और इलेक्ट्रिक शॉक देकर प्रताडि़त किया जा रहा है। बाराबंकी निवासी युवक ने म्यांमार से वीडियो जारी कर प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री से उन्हें यहां से निकालने के लिए मदद की गुहार लगाई है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि लखनऊ और बाराबंकी से तीन इंजीनियर दोस्त विदेश में नौकरी के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) का शिकार हो गए। बाराबंकी जिले के जैदपुर थाना क्षेत्र के निवासी अमरनाथ ने नौकरी के लिए विदेश गए बेटे को बंधक बनाने का आरोप लगाया है। पिता ने बताया कि बेटा अजय कुमार अपने दोस्तों के साथ नौकरी के लिए 26 मार्च, 2024 को मलेशिया गया था, लेकिन वहां न पहुंचकर उसे म्यांमार भेज दिया गया।
इंजीनियर राहुल ने वीडियो जारी कर बताया कि उनसे चीन की कंपनी स्कैमिंग करा रही है। वह 26 मार्च, 2024 को दोस्त सागर के साथ जॉब के लिए मलेशिया निकला था। उन्होंने लखनऊ से हैदराबाद और वहां से बैंकॉक के एक होटल में ठहराया गया। इसके बाद कैब से इन्हें म्यांमार पहुंचा दिया गया। युवकों का कहना है कि उन्हें भारत और म्यांमार एंबेसी से कोई मदद नहीं मिल रही है। आरोप है कि इंजीनियरों के परिजनों से 8.14 लाख रुपए की फिरौती भी वसूली गई है। बंधक बनाए गए युवकों का कहना है कि बंदूक की नोक पर हम लोगों से 18 से 20 घंटे साइबर फ्रॉड से जुड़ा काम करवाया जा रहा है। अगर हम लोग मना करते हैं, तो उनके साथ मारपीट और इलेक्ट्रिक शॉक देकर प्रताडि़त किया जाता है, जिसके बाद पीडि़त अजय कुमार ने वीडियो शेयर वायरल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।