नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को उनके बधाई संदेश के लिए सोमवार को धन्यवाद दिया और साथ ही कहा कि भारत आपसी समझ तथा एक-दूसरे की ङ्क्षचताओं के सम्मान के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के पक्ष में है। मोदी ने कनाडा की ओर से खालिस्तान समर्थक तत्वों को बढ़ावा देने के संदर्भ में उक्त बातें कहीं। प्रधानमंत्री ने रविवार को लगातार तीसरी बार देश का नेतृत्व संभालने के बाद एक्स पर कहा कि बधाई संदेश के लिए ट्रूडो को धन्यवाद। भारत आपसी समझ और एक-दूसरे की ङ्क्षचताओं के प्रति सम्मान के आधार पर कनाडा के साथ काम करने को उत्सुक है। मोदी कनाडाई प्रधान मंत्री ट्रूडो के एक बधाई संदेश का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि मानवाधिकारों, विविधता और कानून के शासन पर आधारित हमारे देशों के लोगों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कनाडा उनकी (भारत की) सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है।
भारत ने राजनीतिक लाभ को खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा देने के लिए कनाडा को बार-बार चेतावनी दी है। मई में तत्कालीन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि कनाडा अपने घरेलू राजनीतिक हितों को साधने के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों को समर्थन देता है और इसके कारण भारत के साथ उसके द्विपक्षीय संबंध खराब हो गए हैं और चेतावनी दी थी कि ऐसे लोगों को जो अपराधी हैं, उनको आश्रय देना कनाडा के लिए ही नुकसान दायक होगा। महाराष्ट्र के नासिक में एक कार्यक्रम में डा. जयशंकर ने कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी बाहरी देश में ङ्क्षहसा की वकालत करने, अलगाववाद या आतंकवाद का समर्थन करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती है, लेकिन खालिस्तानियों का एक समूह है, जिसने कनाडा में दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है, अभी नहीं, वे वर्षों से ऐसा कर रहे हैं।
कनाडा की राजनीति में ये तत्व वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा हैं, और उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि आज मैं एक तथ्य बताऊंगा कि इन लोगों की गतिविधियों के कारण हमारे द्विपक्षीय संबंध खराब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिकों को खालिस्तानी तत्वों द्वारा धमकियों का सामना करना पड़ता है और एक बार राजनयिक के घर पर भी धुआं बम फेंका गया था। डा. जयशंकर ने यह भी कहा कि जिसने भी भारत के खिलाफ अलगाववाद का समर्थन किया उसे कनाडा में ‘आश्रय’ दिया गया।