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राजस्थान की धरती उगलेगी सोना, चार जगह मिले स्वर्ण भंडार

कोटा। वीरों की जननी रही राजस्थान की धरती अब सोना उगलेगी। विधानसभा में राजस्थान सरकार ने बताया कि प्रदेश के चार स्थानों पर स्वर्ण धातु के भंडार पाए गए हैं। इनमें से तीन ब्लॉक की खनन के लिए नीलामी पूरी हो चुकी है। वहीं एक ब्लॉक में परमाणु खनिज की संभावना होने से परमाणु खनिज निदेशालय की ओर से अन्वेषण किया जा रहा है। सबसे अधिक स्वर्ण अयस्क बांसवाड़ा जिला की घाटोल तहसील के जगपुरा भूखिया डिपोजिट में है, जहां 9.4026 वर्ग किलोमीटर में 113.52 मिलियन टन भंडार में उच्च गुणवत्ता वाला स्वर्ण मौजूद है। इसकी ग्रेड 1.96 ग्राम प्रति टन है। घाटोल की ही कांकरिया गारा डिपोजिट में 2.05 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 1.24 मिलियन टन भंडार और उदयपुर के सलूंबर में डगोचा डिपोजिट में 4.72 वर्ग किलोमीटर में 1.74 मिलियन टन स्वर्ण भंडार मौजूद है।

प्रदेश के दौसा जिला के धानी बसेड़ी डिपोजिट में परमाणु खनिज की संभावना के कारण यहां पर परमाणु खनिज निदेशालय की ओर से अन्वेषण कार्य किया जा रहा है। इन चारों डिपोजिट से कुल 120.59 मिलियन कच्चा सोना और उसमें से 222.39 टन शुद्ध सोना मिलने की उम्मीद है। राजस्थान में देश का 25 फीसदी स्वर्ण भंडार है। स्वर्ण खनन से इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पैट्रोकेमिकल्स, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के नए अवसर विकसित होने की संभावना है। इससे न केवल अगले 50 सालों में एक लाख करोड़ की आय होने का अनुमान है। साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार युवाओं को रोजगार मिलने के रास्ते खुले हैं।

यहां मिला खजाना

घाटोल तहसील के जगपुरा भूखिया में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण भंडार
घाटोल के कांकरिया गारा डिपोजिट में 1.24 मिलियन टन मात्रा
उदयपुर के डगोचा डिपोजिट में 1.74 मिलियन टन भंडार मौजूद
दौसा जिला के धानी बसेड़ी में परमाणु खनिज की भी संभावना

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