नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लाने के फैसले पर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि यूपीएस में यू का मतलब मोदी सरकार का यू-टर्न है। खडग़े ने एक्स पर लिखा कि चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पीएम के सत्ता के अहंकार पर जनता की शक्ति हावी हुई है। सरकार ने पहले बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन/इंडेक्सेशन का फैसला वापस लिया। इसके बाद ब्रॉडकास्टिंग बिल, यूपीएससी के उच्च पदों पर लेटरल एंट्री का फैसला भी वापस लिया। हम सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे। 140 करोड़ भारतीयों को इस सरकार से बचाते रहेंगे। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि जो काम सरकार को पहले ही कर देना चाहिए था, वह अब दबाव में आकर कर रही है। पूरा विपक्ष कह रहा है कि सरकार को पेंशन को लेकर कोई फैसला लेना चाहिए।
रिटायर्ड कर्मचारियों को उनके मूल वेतन (रिटायरमेंट से पहले) का 50 फीसदी नहीं, बल्कि पूरा 100 फीसदी मिलना चाहिए। आप ऐसे कर्मचारियों के लिए ऐलान कर रहे हैं, जो देश के लिए काम करने के बाद रिटायर्ड होता है। यूपीएस के जरिए भी केंद्र सरकार भ्रम पैदा कर रही है। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आनंद दुबे ने कहा कि विपक्ष के दबाव के कारण सरकार यूपीएस लाई है। इस बार भाजपा सिर्फ 240 सीटें जीती। इसलिए वे सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारियों के लिए स्कीम लाए हैं। विपक्ष के हमले के बीच महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे सरकार ने यूपीएस को मंजूरी दे दी है। वह केंद्र की पेंशन योजना लागू करने वाला पहला राज्य बन गया।