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भारत कभी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़ा – गुयाना संसद में बोले पीएम मोदी

 जॉर्जटाउन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया। संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कई महत्त्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना से मेरा गहरा रिश्ता है। दोनों देश दुनिया में लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं। आज गुयाना की संसद में 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से अभिनंनदन करता हूं। गुयाना में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है। भारत और गुयाना दोनों लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं।

लोकतंत्र हमारे डीएनए में है। ऐसा बहुत कम होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं और वहां का इतिहास आपको अपने देश जैसा लगे। भारत और गुयाना दोनों ने एक जैसी गुलामी देखी है। आजादी की लड़ाई में यहां और भारत दोनों जगह कितने लोगों ने अपनी जान कुर्बानी दी। हमने गुलामी से मुक्ति की लड़ाई मिलकर लड़ी और आजादी पाई। उन्होंने कहा कि भारत कभी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़ा है। दुनिया को मजबूत कर रहा है। जब भारत और गुयाना आजाद हुए थे, तब दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज अलग चुनौतियां हैं। दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनीं व्यवस्थाएं और संस्थाएं ध्वस्त हो रही हैं. दुनिया को जिस ओर बढऩा था, उससे अलग ही दिशा में उलझी हुई है।

‘डेमोके्रसी फस्र्ट और ह्यूमैनिटी फस्र्ट’ सबसे बड़ा मंत्र

पीएम मोदी ने कहा कि ‘डेमोक्रेसी फस्र्ट और ह्यूमैनिटी फस्र्ट ’ आज विश्व के आगे बढऩे का सबसे बड़ा मंत्र है। जब हम इसको आधार बनाते हैं तो नतीजे मानवता का हित करने वाले होते हैं। डेमोक्रेसी फस्र्ट की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो। ह्यूमैनिटी फस्र्ट की भावना हमारे फैसलों की दिशा तय करती है। जब ह्यूमैनिटी फस्र्ट को फैसलों का आधार बनाते हैं तो नतीजे भी मानवता के हित करने वाले होते हैं। डेमोक्रेसी फस्र्ट की भावना हमें सबको साथ लेकर चलो, सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो की सीख देती है।

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