
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सोमवार को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक बार फिर हिंसा भडक़ गई। दक्षिण 24 परगना के भांगड़ में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाडिय़ों में आग लगाने के साथ-साथ जमकर तोडफ़ोड़ की। इस इलाके में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पश्चिम बंगाल में बीते कुछ दिनों से वक्फ कानून के विरोध में हो रहा हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में सोमवार को इससे पहले आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें शामिल होने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका। इसके बाद प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और बैरमपुर में सडक़ पर जाम लगा दिया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। हाईवे पर हालात काबू में आ गए, लेकिन उग्र भीड़ ने शोणपुर में पुलिस की पांच बाइक में तोडफ़ोड़ की और उनमें आग लगा दी। कैदियों को ले जाने वाली वैन को पलटा दिया और उसमें भी तोडफ़ोड़ की। क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिसबलों की तैनाती के बाद हालात पर काबू पाया गया। उधर, मुर्शिदाबाद में 10 से 12 अप्रैल बीच हुई हिंसा के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सोमवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जावेद शमीम ने बताया कि दुकानें खुलने लगी हैं।
अब तक 19 विस्थापित परिवार अपने घर लौट चुके हैं। मालदा और मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन मिलकर लोगों की सुरक्षित वापसी करवा रहा है। उधर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और पूर्व सांसद कुणाल घोष ने मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे भाजपा और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमें इनपुट मिले हैं कि हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी। केंद्रीय एजेंसियां, भाजपा और कुछ राजनीतिक दलों का एक सेक्शन इस साजिश में शामिल था। बीएसएफ ने मदद करके उपद्रवियों को राज्य का बॉर्डर पार करवाया। कुछ उपद्रवी मुर्शिदाबाद के इलाके में घुसे, अराजकता फैलाई और बीएसएफ ने उन्हें वापस जाने के लिए भी मदद की। भाजपा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दूसरे राज्यों की तस्वीरों का इस्तेमाल करके उन्हें मुर्शिदाबाद का बताया। बीएसएफ की मदद से बंगाल को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। वे बंगाल के लोगों को भडक़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि भाजपा अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर सके।