
नई दिल्ली । भारत के साथ लड़ाई में जहां पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ रही है, वहीं उसे एक और जोरदार झटका लगा है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने जब पाकिस्तान के साथ 1960 में हुआ सिंधु जल समझौता रद्द किया था, तब पाकिस्तानी एक्सपट्र्स कह रहे थे कि भारत एकतरफा तरीके से समझौते को रद्द नहीं कर सकता है और समझौते का मध्यस्थ विश्व बैंक भारत को मजबूर कर सकता है कि वह समझौते को स्थगित करने का अपना फैसला बदल दे। हालांकि अब विश्व बैंक ने पाकिस्तान को झटका देते हुए साफ कह दिया है कि वह भारत को मजबूर नहीं कर सकता कि वह अपना फैसला बदले। विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा है कि संस्था की द्विपक्षीय मुद्दे में मध्यस्थ के अलावा कोई भूमिका नहीं है।
यह समझौता दो देशों के बीच है और अगर वे असहमत होते हैं, तो विश्व बैंक की भूमिका विवाद को सुलझाने के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ या मध्यस्थ की व्यवस्था करने भर की है।