
बीजिंग। चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान एक आकर्षक नजारा देखने को मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य नेता एक मंच पर नजर आए। तियानजिन में आधिकारिक स्वागत समारोह के दौरान ये नेता एक फोटो फ्रेम में खड़े नजर आए। अब यह तस्वीर दुनिया भर में तेजी से वायरल हो रही है और राजनीतिक विश्लेषक इसके मायने तलाशने में जुट गए हैं।
कहा जा रहा है कि इस एक तस्वीर ने अमरीका समेत दूसरे शक्तिशाली देशों को मजबूत संदेश देने का काम किया है। वहीं तीनों बड़े नेताओं को एक फ्रेम में देख जंप की टेंशन बढ़ सकती है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। एससीओ का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सहयोग, आर्थिक विकास, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। यह संगठन सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग, संयुक्त अभ्यास और खुफिया जानकारी साझा करने पर जोर देता है।
प्रतिद्वंद्वी नहीं, विकास में साझीदार हैं भारत-चीन
पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने सीमा विवाद के निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान की दिशा में काम करने पर जोर दिया। वैश्विक व्यापार को स्थिर करने की दिशा में काम करने का भी संकल्प लिया। मोदी और जिनपिंग एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर हुई बातचीत के दौरान इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देश प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि विकास में साझेदार हैं।