
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अगर पाकिस्तान ने युद्ध खींचने की जुर्रत की होती, तो वह पूरी तरह बर्बाद हो चुका होता। थलसेना और वायुसेना के हमलों के बाद भारतीय नौसेना भी अरब सागर के जरिए हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार थी। यह खुलासा सेना ने संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (यूएनपीकेएफ) में हिस्सा लेने वाले देशों के आर्मी चीफ की मौजूदगी में किया है। राजधानी दिल्ली में चल रहे तीन दिवसीय (14-16 अक्तूबर) चीफ कॉन्क्लेव के दौरान, भारतीय सेना के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने यूएनपीकेएफ देशों के आर्मी चीफ और शीर्ष मिलिटरी कमांडरों की मौजूदगी में ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा ऑडियो-वीडियो प्रेजेंटेशन दिया और इस दौरान भारत की सैन्य तैयारियों की जानकारी दी।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले पर जवाब देना अनिवार्य था। भारत की सेनाओं ने पहले से इसको लेकर तैयारी कर ली थी। उन्होंने कहा कि हमले का जवाब देर से दिया गया, लेकिन यह सोच-समझकर लिया गया कदम था। उन्होंने कहा कि सेना ने कई एजेंसियों के साथ मिलकर इसकी योजना बनाई थी। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थलसेना और वायुसेना के साथ ही नौसेना भी पूरी तरह तैयार थी। उस समय ले. जनरल घई डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) के पद पर तैनात थे। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने ले. जनरल घई को फोन कर जंग रूकवाने की मिन्नत भी की थी।