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दिल्ली ब्लास्ट मामला : डॉ. मोहम्मद उमर 3 घंटे लगातार कार के भीतर ही बैठा रहा, ज्यादा लोगों की जान लेना था मकसद

नई दिल्ली। दिल्ली के लालकिले के पास हुए ब्लास्ट मामले में अब सीसीटीवी फुटेज से बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि डॉ. मोहम्मद उमर उर्फ उमर नबी, जो इस धमाके का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है, ब्लास्ट से पहले करीब तीन घंटे तक अपनी आई20 कार में बैठा रहा। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, उमर ने 3:19 पर कार को पार्किंग में लगाया था और 6:22 पर पार्किंग से बाहर निकला। इसके कुछ ही मिनटों बाद कार में जोरदार धमाका हुआ, जिसने लालकिले इलाके को दहला दिया। फुटेज में साफ दिखता है कि उमर एक बार भी कार से बाहर नहीं आया। वह लगातार कार के भीतर ही बैठा रहा, जैसे किसी प्लान की आखिरी तैयारी कर रहा हो। ब्लास्ट के ठीक पहले का वीडियो यह भी दिखाता है कि शुरुआत में ड्राइवर का चेहरा साफ दिखाई देता है, लेकिन आगे जाकर वह पूरी तरह नकाब में नजर आता है, जिससे उसके चेहरे की पहचान छिपी रहे।

ज्यादा लोगों की जान लेना था मकसद

हमलावर इस फिराक में था कि धमाके में ज्यादा से ज्यादा लोग मारे जाएं। साथ ही खुद को उड़ाकर वह पुलिस की पकड़ में आने से भी बच जाए। जांच टीमें पता लगा रही हैं कि क्या हमले का असली निशाना कोई और जगह थी? इस बात का संदेह इसलिए भी व्यक्त किया जा रहा है, क्योंकि कार धीमी गति से चल रही थी।

घबराहट में किया बम विस्फोट

दिल्ली ब्लास्ट पर अब तक का सबसे बड़ा अपडेट सामने आया है। लाल किले के पास हुए विस्फोट के बारे में सूत्रों ने चौंकाने वाली जानकारी दी है। सूत्रों ने बताया कि यह फिदायीन हमला नहीं था। संदिग्ध ने घबराहट में विस्फोट किया। बम पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ था, इसलिए इसका प्रभाव सीमित रहा। सूत्रों ने बताया कि विस्फोट से कोई गड्ढा नहीं बना और न ही कोई छर्रे मिले। विस्फोट के समय कार स्लो स्पीड में थी और आईईडी भारी जनहानि करने के लिए तैयार नहीं था। माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर और पुलवामा में कई स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों की ओर से की गई छापामारी में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने के कारण संदिग्ध ने बढ़ते दबाव के चलते जल्दबाजी में कदम उठाया।

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