रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अंतिम चरण में, जन्मभूमि पथ पर दिखेगी देश की लोक परंपरा
अयोध्या। मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान शुरू होने के साथ ही मुख्य आयोजन की तैयारियां भी अपने अंतिम चरण में हैं। सुंदर प्रवेश द्वार, साफ-सुथरी और चौड़ी सडक़ें, सडक़ पर चमचमाते सूर्य स्तंभ, म्यूरल पेंटिंग, निर्मल सरयू, साफ-सुथरे आकर्षक तट, राम की पैड़ी का सुंदरीकरण, सब कुछ यहां आने वालों को आकर्षित करने के लिए काफी है। एक ही पैटर्न पर बनाई गई दुकानें भी नई अयोध्या के दर्शन कराएंगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अधिकारियों के साथ तैयारियों का निरीक्षण भी किया। अयोध्या में घुसते ही चौड़ी सडक़ लोगों का स्वागत करती है। इसके बीच में लगे सूर्य स्तंभ रात में रामनगरी की सुंदरता दोगुना कर रहे हैं। प्रवेश द्वार देखकर अहसास हो जाता है कि नई अयोध्या में प्रवेश कर रहे हैं। किनारे की दीवारों पर भगवान राम के अलग-अलग प्रसंगों से जुड़ी पेंटिंग और आकृतियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं।
यूपी सरकार ने 105.65 करोड़ रुपए से यहां जीर्णोद्धार के कई काम किए हैं। इन दिनों राम की पैड़ी पर विभिन्न चैनलों के स्टेज बने हुए हैं, जहां कई तरह के कार्यक्रम, लोगों के साक्षात्कार, साधु संतों से चर्चा की जा रही है। इसे देखते हुए यहां काफी भीड़ भी जुट रही है। राममंदिर तक पहुंचाने वाले जन्मभूमि पथ पर पग-पग पर देश की लोक परंपरा व संस्कृतियों के दर्शन होते हैं। मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले लोगों की वेश-भूषा, भाषा व व्यवहार विभिन्न शैली को समाहित करते हुए दिखाई देता है। जन्मभूमि पथ के बाहर तिलक लगाने के लिए भगवा कपड़ों में विद्यार्थी भी दिखाई दे जाएंगे, जो विभिन्न आकार व तरीके से राम का नाम माथे पर तिलक रूप में बना देते है। इनसे बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने माथे पर राम का नाम अंकित करवाते रहते हैं।
समूहों में मंदिर जाते वक्त लोग रामायण के विभिन्न कांडों का चित्रण अपनी भाषा में करते दिखाई देते हैं। जन्मभूमि पथ से जाने वाले युवा व बच्चे भी अपनी लोकसंस्कृति व परंपराओं का अनुसरण करते हैं। हनुमानगढ़ी के रास्ते पर चलते ही दोनों तरफ भगवा रंग में पुती हुई एक ही तरह की दुकानें दिखने लगती हैं और यह सिलसिला राम मंदिर तक बना रहता है। पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। सफाई कर्मियों को 8-8 घंटे की तीन शिफ्टों में बांटा गया है। देर रात तक सफाईकर्मी अपने काम में लगे रहते हैं। राम मंदिर के रास्ते पर जूते चप्पल और सामान रखने के लिए अलग से फ्री लॉकर हैं। दूर से रामलला का मंदिर दिखता है। इसके पास भंडारा चल रहा है। तमिलनाडु, कर्नाटक व केरल से भक्त आ रहे हैं। बड़ी तादाद में सिख भी रामलला के दर्शन को पहुंच रहे हैं।