नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार के नारे- “सबका साथ विकास विकास” को खोखला करार देते हुए सोमवार को कहा कि यह अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बना रही है। खड़गे ने सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार “सबका साथ सबका विकास” की बात करती है, लेकिन गरीबों का विकास नहीं हो रहा है। केवल अमीरों का विकास हो रहा है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों को उनकी उपज के दाम नहीं मिल रहे हैं। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकारी नौकरी की 40-50 लाख रिक्तियां हैं। उन पर भर्तियां नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि सबके विकास के लिए सरकारी नौकरियों पर भर्ती आवश्यक है।
विपक्ष के नेता ने कहा कि मोदी सरकार गरीबों को सशक्त नहीं करना चाहती हैं और इसलिए सरकारी पदों पर भर्ती नहीं करती है। यह सरकार कृषि को अर्थव्यवस्था का इंजन नंबर एक बताती है लेकिन किसानों को बजट में पर्याप्त पैसा नहीं दिया जा रहा है। किसान अन्नदाता है और वह देश की जनता का पेट भरता है। सरकार को उसकी जरुरतों को पूरा करना चाहिए। खड़गे ने कहा कि डालर की तुलना में रुपए की कीमत लगातार गिर रही है जबकि सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। देश में लगातार मंहगाई बढ़ रही है और सरकार इसे नियंत्रित नहीं कर पा रही है। अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है। सरकार की नीतियां विफल हो रही है। सरकार को अर्थव्यवस्था को गति देनी चाहिए जिससे विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। सरकार को इसके लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रमिकों के हालत लगातार खराब हो रही है। एमएसएमई क्षेत्र में चार महीने में 12 हजार उद्योग बंद हुए हैं। इस पता चलता है कि सरकार उनकी भी जरुरत पूरी नहीं कर रही है। उद्योग क्षेत्रों को बड़े उद्योग घरानों को सौंपा जा रहा है। छोटे उद्योगों को बचाने का सही तरीका पंडित नेहरु का तरीका है। छोटे उद्योगों को बचाने का तरीका सरकार का नियंत्रण है। सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को खत्म कर रही है। इसका सामान्य जनता पर बुरा असर होगा। छोटे कारोबार को खत्म होना पडे़गा।
खड़गे ने कहा कि देश में हिंसक घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। हिंसक घटनाओं में मणिपुर में सबसे आगे हैं। प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए। सरकार मणिपुर में विफल रही है। उन्होंने कहा कि एससी एसटी समुदाय पर अपराध में लगातार वृद्धि हो रही है जबकि दोषसिद्धि घट रही है। अयोध्या में दुष्कर्म की घटना हुई। पूरा देश शर्मसार है। लेकिन सरकार चुप है। दलितों को बारात नहीं निकल पा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में रिक्तियां नहीं की जा रही है। इससे पठन पाठन प्रभावित हो रहा है। एसटी- एससी ओबीसी को अलग किया जा रहा है। केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रबंधन संस्थान, प्रौद्योगिकी संस्थान तथा अन्य संस्थानों में रिक्त पद हैं। वंचित समुदायों को जानबूझकर अलग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान चला रही है लेकिन सरकारी स्कूल बंद हो रहे है। उन्होंने कहा कि 50 हजार स्कूल बंद करने के प्रयास किये जा रहे हैं। सरकार शिक्षा तंत्र पर कब्जा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केवल राज्यपाल की बात सुनती है। राज्य सरकार परेशान होती है। उन्होंने तेलगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल में यही कहानी चल रही है। सरकार को जनता की बात सुननी चाहिए। खड़गे ने कहा कि सरकार निजीकरण पर जोर दे रही है। इससे नौकरी खत्म हो रही है। अनुबंध श्रमिक की हिस्सेदारी 46 प्रतिशत हो गयी है। जाति जनगणना आवश्यक है। इससे जातिगत स्थिति का पता चलेगा और उसकी मदद हो पायेगी। इसका उद्देश्य किसी का अपमान करना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को महाकुंभ की स्थिति पर बयान देना चाहिए और कम से कम मारे गए और लापता की जानकारी सदन को देनी चाहिए।