
नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को इमिग्रेशन एंड फॉरनर्स बिल-2025 पास हो गया। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे देश में कौन आता है और कितने समय के लिए आता है, देश की सुरक्षा के लिए यह जानने का अधिकार है। यह देश कोई धर्मशाला नहीं है कि जो जब चाहे, जिस उद्देश्य से चाहे रहे। रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी हों, अगर भारत को नुकसान पहुंचाने की मानसिकता के साथ आते हैं, तो उनके साथ बड़ी ही कठोरता के साथ पेश आया जाएगा। बिल में अवैध घुसपैठ पर पांच साल तक की जेल और पांच लाख तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का रिकार्ड अपडेट रखा जाएगा। वे किस रास्ते से आ रहे हैं। कहां रुक रहे हैं। क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी अपडेट की जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि हमारे इमीग्रेशन का स्केल और साइज दोनों बहुत बड़ा है।
इसके साथ-साथ शरण लेने की जगह अपने निहित स्वार्थ और देश को असुरक्षित करने वालों की संख्या भी बढ़ी है। ऐसे में जो लोग भारत की व्यवस्था में कंट्रिब्यूट करने के लिए आते हैं, व्यापार और शिक्षा के लिए आते हैं, ऐसे सभी लोगों का स्वागत है, लेकिन चाहे रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी हो, अगर यहां अशांति फैलाने के लिए आते हैं, तो ऐसे लोगों के साथ बड़ी कठोरता के साथ उनके साथ व्यवहार होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा कि जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा। इस दौरान शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। गौरतलब है कि यह बिल लोकसभा में 11 मार्च को पेश किया गया था। इस पर सत्ता और विपक्ष के 30 सांसदों ने अपनी बात रखी।