
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को समृद्ध और विकसित भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने का मूल मंत्र करार देते हुए पिछले 11 वर्षों में देश की रक्षा और सुरक्षा के मोर्चे पर कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिनसे भारत दुनिया में एक बड़ी सैन्य ताकत बनकर उभरा है। इसके साथ-साथ इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की उडान भर हथियारों के सबसे बड़े आयातक के बजाय निर्यातक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बार स्वाधीनता दिवस संबोधन में दस साल में महत्वपूर्ण ठिकानों और आर्थिक सामाजिक प्रतिष्ठानों को हवाई हमलों से बचाने की प्रणालियों वाला ‘सुदर्शन-चक्र’ तैयार करने की घोषणा की है।
वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को विशेष अहमियत देते हुए रक्षा क्षेत्र को अच्छी खासी प्राथमिकता दी। अपने बलबूते देश की सीमाओं की रक्षा का बीड़ा उठाते हुए सरकार ने रक्षा क्षेत्र में बरसों से चले आ रहे कानूनों, परंपरा, नियमों और ढर्रों को बदलते हुए व्यापक सुधार किए। इसके साथ ही सीमावर्ती और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ढांचागत विकास पर विशेष जोर दिया गया।