
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बिहार, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक दल अनुचित भय और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। याचिकाओं में एसआईआर की वैधता को चुनौती दी गई है और कुछ पक्षों ने इसे स्थगित करने की मांग की है। केरल सरकार की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों के समानांतर एसआईआर चलाने से प्रशासन पर अत्यधिक बोझ पड़ेगा और इससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को पहली दिसंबर तक अपना जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों में एसआईआर को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई की भी तारीखें तय की हैं। तमिलनाडु एसआईआर पर सुनवाई- चार दिसंबर को, पश्चिम बंगाल एसआईआर पर सुनवाई पर नौ दिसंबर को होगी। केरल सरकार के अलावा, सीपीआई(एम), सीपीआई और आईयूएमएल नेता पीके कुन्हलिकुट्टी ने भी एनआईआर की वैधता को चुनौती देते हुए अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। इन पर अदालत ने 21 नवंबर को नोटिस जारी किया था।
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