हाई कोर्ट : लंबे समय तक पति को संबंध बनाने की अनुमति न दें मानसिक चिंता, कोर्ट ने दिया विवाह का आदेश
![Not allowing husband to have a relationship for a long time is mental cruelty, the court ordered divorce](https://24today.in/wp-content/uploads/2023/05/हाई-कोर्ट-लंबे-समय-तक-पति-को-संबंध-बनाने.jpeg)
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बिना किसी आधार के डेटा के साथ लंबे समय तक यौन संबंध बनाने की अनुमति नहीं देने को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मानसिक क्रूरता माना है। न्यायालय ने इसे आधार मानते हुए वाराणसी के दंपती के विवाह की अनुमति दी। यह कमांड समन्वित कुमार और काम राजेंद्र कुमार चौथे की खंडपीठ ने बरसाती केंद्र रवि प्रताप यादव की ओर से पैर रखने की अपील को स्वीकार कर लिया था।
ब्रानसी फैमिली कोर्ट ने याची की शादी की अर्जी को खारिज कर दिया था। याची ने उन्हें उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। याची की शादी 1979 में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही पत्नी का व्यवहार और व्यवहार बदल गया। उसने पत्नी के रूप में रहने से इंकार कर दिया था। आग्रह के बावजूद पति से दूर ही रही और आपसी संबंध नहीं बने। जबकि दोनों एक ही छत के नीचे रहते थे।
कुछ दिन बाद पत्नी मायके चली गई। पति ने उसे घर चलाने के लिए कहा तो वह नहीं उठा। 1994 में गांव में पंचायत कर 22 हजार रुपये आवास आवास देने के बाद आजीविका हो गई। बाद में पत्नी ने दूसरी शादी कर ली। पति ने तलाक देने की मांग की लेकिन वह कोर्ट नहीं गया। फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक अर्जी को खारिज कर दिया।
हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि शादी के बाद लंबे समय से पति-पत्नी अलग रहते हैं। पत्नी के लिए अनुबन्ध बंधन का कोई सम्मान नहीं था। उसने अपने दायित्वों को अस्वीकार कर दिया। इससे यह साबित हो गया कि दोनों की शादी टूट चुकी है। न्यायालय ने याची की अपील को स्वीकार कर विवाह के निर्णय का आदेश दिया।