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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में वापस लिया धर्मांतरण विरोधी कानून को

बंगलुरु। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून को वापस ले लिया है। इस कानून को भाजपा की सरकार लेकर आई थी। चर्चा है कि इसके बाद गोहत्या निरोधक कानून के सख्त प्रावधानों को भी कांग्रेस सरकार कमजोर कर सकती है। गुरुवार को हुई सिद्धारमैया सरकार की कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। मीटिंग में आरएसएस के संस्थापक रहे केशव बलिराम हेडगेवार को स्कूली किताबों के सिलेबस से हटा दिया है। कांग्रेस सरकार की ओर से धर्मांतरण विरोधी कानून को हटाने पर भाजपा ने हमला बोला है। पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि ये लोग मुसलमानों के वोट चाहते हैं। सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। ये लोग तो हिजाब को फिर से लागू करा सकते हैं। ये लोग अल्पसंख्यकों का वोट हासिल करने को कुछ भी कर सकते हैं।

प्रेयर के साथ पढऩी होगी संविधान की प्रस्तावना

बंगलुरु। कर्नाटक के स्कूल-कालेजों के छात्रों को अब प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना पढऩा जरूरी है। मंत्री एचके पाटिल ने बताया कि राज्य कैबिनेट ने स्कूलों और कालेजों में प्रेयर के साथ संविधान की प्रस्तावना को पढऩा अनिवार्य करने का फैसला किया है। इसके साथ ही पुराने कानून को वापस लाने के लिए एपीएमसी अधिनियम में संशोधन करने का फैसला किया है।

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