नई दिल्ली। महिलाओं के साथ बलात्कार और यौन उत्पीडऩ पर संदेशखाली घटना से संबंधित एक स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो की वास्तविकता और सत्यता का पता लगाने के लिए एक एसआईटी द्वारा जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई है। स्टिंग ऑपरेशन वीडियो में एक व्यक्ति को यह खुलासा करते हुए दिखाया गया कि तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख के खिलाफ बलात्कार के आरोप झूठे थे और संदेशखाली के लोगों ने टीएमसी नेताओं को बाधित करने और उन्हें खराब छवि में डालने के लिए भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी के निर्देशों पर काम किया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि लिस्टिंग के अनुरोध पर विचार किया जाएगा और उचित आदेश पारित किया जाएगा। एक महिला ने वकील उदयादित्य बनर्जी के माध्यम से आवेदन दायर किया था और कहा था कि सहदेशखाली में महिलाओं से कोरे कागजात पर हस्ताक्षर कराए गए, जिसके परिणामस्वरूप टीएमसी नेताओं के खिलाफ झूठी बलात्कार की शिकायतें हुईं।