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Loksabha Election: पांचवें चरण में 12 गढ़, भाजपा के पांच

आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 20 मई को डाले जाएंगे वोट

25 सीटों पर बीजेपी के मजबूत दावेदार, कांग्रेस की सिर्फ दो ही स्थिति बेहतर

लोकसभा चुनाव अब अपने आखिरी दौर में पहुंचता जा रहा है। चार चरणों की वोटिंग हो चुकी है। तीन चरण बाकी हैं। पांचवें चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर 20 मई वोट डाले जाएंगे। इस चरण में 695 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। पांचवें चरण की लड़ाई इसलिए भी दिलचस्प है, क्योंकि स्मृति ईरानी की अमेठी, राहुल गांधी की रायबरेली और पीयूष गोयल की मुंबई नॉर्थ सीट पर भी वोटिंग होगी। इन 49 में से 25 सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी के मजबूत दावेदार है, जबकि कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर ही मजबूत स्थिति में है। इस चरण की 49 में से 12 सीटें ऐसी हैं, जो किसी न किसी पार्टी का गढ़ हैं यानी ऐसी सीटें जहां बीते तीन चुनाव से एक ही पार्टी जीतती आ रही है। 12 सीटों में भाजपा के पांच गढ़ हैं। ओडिशा में जहां बीजू जनता दल (बीजेडी) के पास अस्का और कंधमाल को बचाने की चुनौती है। वहीं महाराष्ट्र में बीजेपी के कब्जे वाले धुले और डिंडोरी और शिवसेना का गढ़ कल्याण शामिल है। बीजेपी झारखंड की हजारीबाग सीट को बरकरार रखना चाहेगी। पश्चिम बंगाल की हावड़ा, सीरमपुर और उरुबेरिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का गढ़ बनी हुई है। उत्तर प्रदेश की लखनऊ पर बीजेपी और रायबरेली पर कांग्रेस का कब्जा है। बिहार की मधुबनी सीट भी बीजेपी का गढ़ है, इसलिए इस चरण में इन सीटों पर नजरें रहेंगी।

करीबी मुकाबला

पांचवें चरण में जिन सीटों पर वोट डाले जाने हैं, उनमें से सिर्फ चार ही ऐसी हैं, जहां 2019 के चुनाव में जीत का अंतर 40 फीसदी से ज्यादा रहा था। इनमें बिहार की मधुबनी, महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ, झारखंड की चतरा और हजारीबाग थीं। इन सभी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी। इस चरण में सिर्फ चार सीट ही ऐसी हैं, जहां जीत का अंतर बहुत कम था। इनमें उत्तर प्रदेश की कौशांबी, ओडिशा की बोलंगीर, पश्चिम बंगाल की बैरकपुर और आरामबाग शामिल हैं। आरामबाग में टीएमसी, जबकि बाकी तीनों सीटों पर बीजेपी जीती थी। इन सबके बीच, कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां उलटफेर देखने को मिल सकता है। ये वे सीटें हैं जहां किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है। इनमें जम्मू-कश्मीर की बारामूला, ओडिशा की बरगढ़, महाराष्ट्र की पालघर और बिहार की सीतामढ़ी सीट शामिल है।

वे सीटें, जहां 2009 से एक ही पार्टी की जीत

भाजपा 5
टीएमसी 3
बीजेडी 2
कांग्रेस 1
शिवसेना 1

कौन-कितना मजबूत

इन 49 में से कम से कम 25 सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी मजबूत दावेदार है, वे इसलिए क्योंकि बीते तीन में से दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ही जीत मिली है, जबकि कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर ही मजबूत दिख रही है।

जीत और वोट शेयर

पांचवें चरण की इन 49 सीटों में से 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छह और कांग्रेस ने 14 सीटें जीती थीं। हालांकि, बीते दो चुनावों से कांग्रेस काफी कमजोर हुई है। 2014 में कांग्रेस इनमें से दो और 2019 में महज एक सीट पर सिमट गई थी, जबकि, 2014 में बीजेपी ने 27 और 2019 में 32 सीटें जीत ली थीं। पिछले चुनाव में बीजेपी ने जिन 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से 30 पर उसे 40 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। दूसरी ओर, कांग्रेस ने 36 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनमें से 17 पर उसे 10 फीसदी से भी कम वोट मिले थे।

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