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ऑनलाइन ठगी का शिकार हुई एयर होस्टेस, शातिरों ने ऐसे लगाया 10 लाख रुपए का चूना

मुंबई। मुंबई की एक एयर होस्टेस के साथ टेलीग्राम के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी व्यापार के नाम पर 10 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी होने का मामला प्रकाश में आया है। सऊदी एयरलाइंस में काम करने वाली और वडाला निवासी शिल्पा गौरांग भसीन की शिकायत के बाद मध्य क्षेत्र की साइबर पुलिस ने इस धोखाधड़ी की जांच शुरू कर दी है। शिकायत के अनुसार, शिल्पा जब सऊदी अरब के रियाद में तैनात थीं, तब उन्हें चार अक्तूबर, 2025 को टेलीग्राम पर एक संदेश मिला, जिसमें आईएमडीबी वेबसाइट पर वीडियो लाइक करने के लिए कमीशन देने की पेशकश की गई थी। इसके लिए उन्हें एक अकाउंट बनाने को कहा गया। पीड़िता ने ‘शिल्पा36’ नाम से एक अकाउंट बना लिया। फिर कुछ साधारण ऑनलाइन कार्यों को पूरा करने के लिए उन्हें छोटे-छोटे भुगतान भी मिले।

बाद में नेहा भाटिया नाम की एक महिला ने खुद को शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज ग्रुप का मैनेजर बताते हुए शिल्पा से संपर्क किया और एक फर्जी लिंक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी और शेयर ट्रेडिंग में शामिल होने के लिए राजी कर लिया। उस महिला ने पीड़िता से इस ऑनलाइन कारोबार के नाम उनकी यूपीआई आईडी और व्हाट्सएप नंबर भी प्राप्त कर लिया। शिल्पा ने पांच अक्टूबर को एक इस कारोबार के लिए एक दूसरा अकाउंट बनाया और यूपीआई के जरिए गोपाल नाथ नाम के एक व्यक्ति को 2,000 रुपये भेजे। फिर दिवित नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें 1,000 रुपए मूल्य के बिटकॉइन खरीदने और बेचने को कहा। इस खरीद बेच के बाद शिल्पा के ट्रेडिंग अकाउंट में 2,800 रुपए का झूठा मुनाफ़ा दिखाया गया।

एयर होस्टेस इस झुठे मुनाफे से उत्साहित हो गई और चार से छह अक्टूबर के बीच अलग-अलग खातों में कई लेन-देन किए। यह लेन-देन कुल 10,37,008 रुपए का था। शिल्पा को इस पूरी धोखाधड़ी पर तब शक हुआ, जब धोखेबाज़ों ने और पैसे जमा करने की मांग की। इस पर उन्होंने अपने पति गौरांग भसीन को पूरी बात से अवगत कराया। पति ने उन्हें बताया कि उनके साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है। पीड़िता ने आठ अक्तूबर को राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन के जरिए शिकायत दर्ज करायी। साइबर पुलिस ने टेलीग्राम उपयोगकर्ता ‘नेहा भाटिया’ और ‘दिवित’ सहित अज्ञात संदिग्धों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया और आगे की छानबीन शुरू कर दी।

प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि आरोपियों ने झूठे मुनाफ़े दिखाने के लिए नकली ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल किया और वर्चुअल डैशबोर्ड में हेरफेर किया था। पीड़िता से ढगे गये रुपये को फर्जी नाम से बनाये गये कई खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। फिलहाल अधिकारी इस डिजिटल लेन-देन को बैंकों से साथ मिलकर पता लगाने और धन वापसी की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने नागरिकों को ऑनलाइन ट्रेडिंग या क्रिप्टोकरेंसी निवेश करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है और चेतावनी दी है कि वैध एजेंसियां कभी भी टेलीग्राम या व्हाट्सएप जैसे माध्यमों से ट्रेडिंग में शामिल होने के लिए नहीं कहतीं।

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