
ढाका। बांग्लादेश में तख्तापटल के 15 महीने बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को दोषी करार दिया गया। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने सोमवार को गत वर्ष देश में हुए विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ घातक कार्रवाई करने के आधार पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना मौत की सजा सुनाई। न्यायाधिकरण ने शेख हसीना के अलावा पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मौत की सजा सुनाई, जबकि पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। न्यायाधिकरण ने इन दोनों को ‘मानवता के विरुद्ध विभिन्न अपराधों ‘ के लिए दोषी ठहराया था।
गौरतलब है कि शेख हसीना इस समय भारत में निर्वासन में रह रही हैं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान घातक कार्रवाई को लेकर शेख हसीना, श्री कमाल और अल-मामून के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। न्यायाधिकरण की ओर आज फैसला सुनाए जाने के दौरान अल-मामून उपस्थित रहे। अल-मामून ने जुलाई में अपना दोष स्वीकार किया था और सरकारी गवाह बन गए थे।
न्यायाधिकरण के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शेख हसीना ने 2024 में बांग्लादेश में कई हफ़्तों की अशांति के दौरान क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों को सैकड़ों हत्याओं के लिए उकसाया। इस दौरान लगभग 1,400 प्रदर्शनकारी मारे गए और 25,000 तक घायल हुए। शेख हसीना पर पांच आरोप लगाए गए थे, जिनमें हत्या के लिए उकसाना, फांसी का आदेश देना और विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए घातक हथियारों, ड्रोन और हेलीकॉप्टरों के इस्तेमाल को अधिकृत करना शामिल है।







