क्रिसमस पर विशेष : क्रूस देता है सत्य, प्रेम, करुणा का संदेश

प्रस्तुति- विवेक कुमार
क्रिसमस या बड़ा दिन प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में हर साल 25 दिसंबर को प्रेम, शांति और मानवता के संदेश के साथ मनाया जाता है क्रिसमस में पूजा जाने वाला सलीब जिस पर प्रभु यीशु ने अपना जीवन मानवता के लिए समर्पित किया था क्रिसमस के त्योहार पर सेंटा क्लॉज खुशियों का तोहफा देते हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग सेवा का उपहार देकर इस खुशी के पर्व में खुद को शामिल करते हैं। क्रिसमस के अवसर पर जब कुछ विशिष्ट जनों से बातचीत की तो बड़े ही रोचक तथ्य उभर कर सामने आए पेश है उन्हीं की जुबानी-
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1. लालबाग के एपीफेनी के पास्टर ई. एफ. बख्श कहते हैं कि प्रभु यीशु के जन्म दिवस को पूरी दुनिया मनाती है। क्रिसमस प्रभु यीशु के जन्म दिवस का बहुत बड़ा सेलिब्रेशन है। यूपी में क्रिसमस मनाने का ढंग थोड़ा अलग है वह है प्रार्थना। हम लोग प्रेयर करते हैं और प्रभु यीशु को धन्यवाद देते हैं उनकी आराधना स्तुति करते हैं। इसमें हम लोग केवल चर्च को ही नहीं सजाते हैं बल्कि अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। स्वादिष्ट व्यंजन पकाते हैं और एक दूसरे के घर जाते हैं। उनको गिफ्ट भी देते हैं तो बहुत अच्छा लगता है ऐसा लगता है कि हम उन्हें ग्रीट कर रहे हैं और प्रेम बांट रहे हैं। यह बड़ा ही प्रेम पूर्ण त्यौहार है सभी इसमें श्रद्धा रखते हैं और सभी इसे मिलकर मनाते हैं तो बड़ा ही प्यार बढ़ता है वह बताते हैं कि हमारे यहां के दो त्यौहार बड़े ही मुख्य हैं एक प्रभु यीशु का जन्म दिवस और दूसरा मृत्यु से जी उठना। और वह उस दिन मृत्यु को भी हराकर जी उठे। प्रभु यीशु जगत के उद्धारकर्ता के रूप में जन्मे और सूली पर अपने प्राण दिए और वह तीसरे दिन जी उठे। मसीह लोग यह विश्वास करते हैं कि मरने के बाद भी जीवन है जो प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें हमेशा का जीवन या अनंत जीवन मिलता है जिसमें मृत्यु नहीं होती। सबसे बड़ी बात तो यह है कि ईश्वर ने अपना इकलौता बेटा यीशु मानवता के लिए समर्पित कर दिया हर वह बात जो परमपिता की प्रसन्नता और आशीष दिला सके वह हमें करते रहना चाहिए और प्रभु का आभार मानते रहना चाहिए।

2. माल एवेन्यू की निवासी फ्रैंकलिना मसीह कहती है कि क्रिसमस में एक सप्ताह पहले से कैरोल सिंगिंग स्टार्ट हो जाती है। जिसमें हम लोग दूसरों के घर में विजिट करते हैं। सॉन्ग कैरोल गाते हैं और म्यूजिक बजाते हैं। हमारे साथ सांता क्लॉज़ भी होता है जो सबको टॉफी चॉकलेट भी देता है क्रिसमस से कुछ दिन पहले क्रिसमस केक बन जाता है हम लोग अपना घर सजाते हैं लाइट लगाते हैं और क्रिसमस ट्री सजाते हैं 24 दिसंबर को चर्च में मिडनाइट सर्विस होती है। जिसमें करीब रात 10 से 12 बजे तक चर्च लगता है जिसमें क्रिसमस कैरोल गाए जाते हैं। क्रिसमस सृत होता है। और बाइबल उपदेश दिया जाता है जिसमें क्रिसमस के बारे में बताया जाता है उसके बाद हम लोग घर जाकर क्रिसमस केक काटते हैं और दूसरों के घर जाकर केक और गिफ्ट देते हैं क्रिसमस पर हम लोग अनाथ आश्रम,वृद्ध आश्रम जगह पर जाकर उन्हें कपड़े राशन के साथ केक भी देते हैं। जिससे कि उनका भी त्यौहार अच्छे से सेलिब्रेट हो सके।

3. अलीगंज की रहने वाली मोहिनी गुप्ता का कहना है कि हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि क्रिसमस पर सेंटा ढेरों उपहार लेकर आते हैं। और खुशियों का खजाना बांटने को हर वक्त तैयार रहते हैं इस दिन अलग-अलग जगह पर रोशनियों से हुई सजावट देखने को मिलती है वह क्रिसमस पर हजरतगंज स्थित चर्च में जाती हैं वहां की झांकियों के रूप में मरियम और यीशु के जन्म की बहुत सारे दृश्य देखकर उनका मन प्रफुल्लित हो उठता है। सांता क्लाज का अलग-अलग रूप, स्नो फ्लैग जैसी रंग बिरंगी लाइटों से सजी क्रिसमस ट्री देखकर मन भा जाता है इस दिन वह बच्चों को टाफी, बिस्कुट और चिप्स के पैकेट भी बांटतीं है वह कहती है कि यदि आप सच्ची खुशी चाहते हैं तो लोगों को खुशियां बांटे। जो आप अपने लिए व्यवहार व खुशियां चाहते हैं वह आप दूसरों को भी पहल करके दें। आप देखेंगे की खुशियां आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगी।

4. इंदिरा नगर की कविता शुक्ला का कहना है कि क्रिसमस जी हां क्रिसमस, जिनका नाम सुनते ही सामने आ जाते हैं सेंटा और साथ में ढेरो गिफ्ट ऐसा त्यौहार जो प्यार, मोहब्बत का पर्व है। कहते हैं असली सुख तब मिलता है जब हम दूसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दें, इसलिए “इसी का नाम जिंदगी” हर वर्ष स्लम में जाकर केक काटकर बच्चों को ढ़ेरों उपहार देते हैं। सच कहे तो वह उपहार हम खुद को देते हैं क्योंकि उपहार लेकर उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है वह अनमोल है तभी तो कहा जाता है कि क्रिसमस का दिन प्रेम, समर्पण और सजकता की भावना से भरा होता है।

5. राजाजीपुरम की रंजना बताती हैं कि क्रिसमस एक वार्षिक त्यौहार है मुख्यतः 25 दिसंबर को मनाया जाता है यह त्यौहार ईसाई और गैर ईसाइयों द्वारा भी मनाया जाने वाला एक वैश्विक सांस्कृतिक और व्यावसायिक उत्सव है इस त्यौहार को आज के दिन हम भी मनाते हैं। इसकी एक दिन पहले ही इसकी तैयारी करती हूं क्रिसमस पेड़ को सजाना और मित्र एवं स्वजनों के साथ क्रिसमस की सजावट देखने जाती हूं केक और टॉफी बिस्किट खरीदती हूं खाती हूं और खिलाती हूं सबको बांटतीं हूं यह त्यौहार प्रेम, करुणा उदारता एवं आशा के संदेश को बढ़ावा देता है ईसा मसीह का जन्म इसलिए हुआ था ताकि लोगों के अंदर प्रेम करुणा दया का भाव आए और यह दुनिया मानव मात्र के रहने व सुखपूर्वक जीने की जगह बन जाए और ईश्वर की अखंड सत्ता व कृपा की अनुभूति हर पल होती रहे।

6. तेलीबाग के उज्जवल कुमार कहते हैं कि क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक बड़ा त्यौहार है क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से पूरी दुनिया में मनाया जाता है यह पर्व केवल इसाई समुदाय द्वारा नहीं बल्कि संपूर्ण मानव जाति द्वारा बड़े आनंद और प्रेम के साथ मनाया जाता है प्रभु यीशु मसीह का जन्म यरूशलम के बेतलेहम में एक साधारण चरनी में हुआ, जो ईश्वर की विनम्रता का प्रतीक है। यीशु का साधारण जन्म इस बात का संदेश देता है कि परमेश्वर सभी के लिए है यह घटना हमें सिखाती है कि जैसे ईश्वर विनम्र है, वैसे ही हमें भी एक दूसरे के प्रति नम्र, दयालु और सरल हृदय होना चाहिए। एड्वेंट सीजन या ‘एड्वेंट’ पर्व काल को तैयारी और प्रतिक्षा का समय माना जाता है। यह क्रिसमस से पहले चौथे रविवार से शुरू होकर क्रिसमस ईव तक चलता है। दिसंबर का महीना शुरू होते ही गिरिजा घरों में क्रिसमस के विभिन्न कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। कैरोल सिंगिंग क्रिसमस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लोग घर-घर जाकर या चर्च में एक साथ कैरोल्स गाते हैं क्रिसमस कैरोल्स वे मधुर गीत है जो यीशु मसीह के जन्म की खुशी व्यक्त करते हैं ओह हो मसीह आया, क्या दिन खुशी का आया, आया है यीशु आया है, जैसे कैरोल्स हमें जोश और उत्साह से भर देते हैं।








