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मुंबई ट्रेन ब्लास्ट: 12 आरोपियों की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरकार, 24 को सुनवाई

नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई में 2006 के ट्रेन विस्फोट मामले में सभी 12 दोषियों को बरी करने के बॉम्बे उच्च न्यायालय फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने और सुनवाई करने का मंगलवार को अनुरोध किया। ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान श्री मेहता ने पीठ के समक्ष यह कहते हुए कि विशेष अनुमति याचिका तैयार है, “कृपया इसे कल सूचीबद्ध करें। यह अत्यावश्यक याचिका है।” इस पर पीठ ने मामले को गुरुवार 24 जुलाई को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया। उसने विशेष मकोका अदालत के 2015 के फैसले को पलटने हुए उसके उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें पांच आरोपियों को मौत की सज़ा और सात को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी। मकोका अदालत ने कमाल अंसारी (अब मृत), मोहम्मद फैसल शेख, एहते-शाम सिद्दीकी, नवीद हुसैन खान और आसिफ खान को मौत की सजा सुनाई थी।

अदालत ने तनवीर अहमद इब्राहिम अंसारी, मोहम्मद माजिद शफी, शेख मोहम्मद, मोहम्मद साजिद मरगूब अंसारी, मुजम्मिल अताउर रहमान शेख, सुहैल महमूद शेख और ज़मीर अहमद शेख को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि मुंबई की लोकल ट्रेनों में 11 जुलाई, 2006 को सात बम विस्फोट हुए थे। इस दुखद घटना में 189 लोग मारे गए थे और 820 यात्री अपंग हो गए। शाम की भीड़भाड़ के दौरान बमों के रुक-रुक कर फटने की घटना ने ज़्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाया।

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