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1500 फुट की ऊंचाई से गिराया हॉस्पिटल, गिरने के बाद स्ट्रक्चर पूरी तरह से खड़ा हो गया

आगरा। आगरा में एयरफोर्स ने 1500 फुट की ऊंचाई से हॉस्पिटल गिराया। जमीन पर गिरने के बाद हॉस्पिटल का स्ट्रक्चर पूरी तरह से खड़ा हो गया और यह हॉस्पिटल इलाज के लिए आठ मिनट में ही तैयार भी हो गया। हैरान हो गए न, लेकिन यह बात बिलकुल सच है। दरअसल यह एक तरह का पोर्टेबल हॉस्पिटल है। इसका नाम ‘भीष्म’ रखा गया है। वायुसेना ने पहली बार हॉस्पिटल को जमीन पर उतारने का सफल परीक्षण किया। अब इस हॉस्पिटल को एमर्जेंसी में किसी भी दुर्गम स्थानों पर पहुंचाया जा सकेगा। हॉस्पिटल का वजन 720 किलो है। यह वाटरप्रूफ है। सोलर एनर्जी और बैटरी से चलता है।

इसमें ऑपरेशन थिएटर, एमर्जेंसी वार्ड सहित सभी जरूरी सुविधाएं है। इसे एडीआरडीआई आगरा ने डिजाइन किया है। वायुसेना के मुताबिक, मंगलवार को पोर्टेबल अस्पताल भीष्म को पैक किया गया। एक सिरे में दो पैराशूट बांधे गए। दूसरे में लोहे के प्लेटफॉर्म से पोर्टेबल अस्पताल को बांध दिया। फिर विमान एन-32 पोर्टेबल अस्पताल को मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में लेकर पहुंचा। विमान 1500 फुट की ऊंचाई पर गया। वहीं से हॉस्पिटल को नीचे गिरा दिया। गिरने के बाद हॉस्पिटल को चेक किया, तो पूरी तरह से सुरक्षित था।

36 बॉक्स से बना है अस्पताल

हॉस्पिटल में लोहे के तीन फ्रम में 36 बॉक्स हैं। तीनों फ्रेम के बीच छोटा जनरेटर है। दो स्ट्रेचर हैं। जरूरी दवाएं और खाद्य सामग्री भी हैं। हॉस्पिटल में मास्टर क्यूब केज के दो सेट हैं। हर केज में 36 मिनी क्यूब होते हैं। ये क्यूब मजबूत हैं। साथ ही हल्के भी। इस हॉस्पिटल को कई बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यह ऊंचाई से गिरने के बाद भी खराब नहीं होगा। इसकी पैकिंग ऐसी की जाती है कि जमीन पर गिरने के बाद खुलने में कोई दिक्कत न आए।

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