वाशिंगटन। अमरीकी संसद में तिब्बत पर चीनी कब्जे के खिलाफ एक बिल पास किया गया है। इस एक्ट के तहत अमरीका दुनियाभर में चीन के तिब्बत को लेकर फैलाए गए झूठ का जवाब देगा। इसके अलावा वह चीन और दलाई लामा के बीच बिना शर्त समझौता कराने की कोशिश भी करेगा। इस दौरान अमरीकी अधिकारी चीन के तिब्बत को अपना हिस्सा बताने वाले दावों को भी खारिज करेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडेन जी-7 सम्मिट से लौटने के बाद इस बिल पर साइन करेंगे। रिजॉल्व तिब्बत एक्ट बिल अमरीकी संसद के दोनों सदनों (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट) में पास हुआ था। इसके बाद तिब्बत के अधिकारी सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने एक पोस्ट कर अमरीकी सांसदों का शुक्रिया कहा था।
उन्होंने लिखा कि अमरीकी संसद में पास हुए बिल का स्वागत करता हूं। यह तिब्बत के लोगों को 70 साल से अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए और मजबूत बनाएगा। इस बिल के लागू होने के बाद 18 जून को अमरीकी संसद की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी और रिपब्लिकन पार्टी के सांसद माइकल मैक्कॉल दलाई लामा से मिलने दो दिन के दौरे पर धर्मशाला आएंगे। नैंसी पेलोसी वही अमरीकी नेता हैं, जिनके ताइवान जाने का विरोध करते हुए चीन ने जंग की चेतावनी दी थी।